लखनऊ: भ्रष्टाचार के खिलाफ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक दूसरे कार्यकाल की शपथ लेते ही शुरू हो गया था और अब विधान परिषद चुनाव खत्म होते ही सरकारी कामकाज को भी रफ्तार देने के लिए भी योगी ने कमर कस ली है। जनता की परेशानी को समझते हुए उन्होंने सबसे पहले उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसी है, जो दोपहर में ‘लंच’ के नाम पर दफ्तर से घंटों गायब रहते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कह दिया है कि भोजनावकाश आधा घंटे से अधिक का नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को लोकभवन में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा टीम-9 की बैठक में की। इसमें कहा कि बेहतर कार्य संस्कृति के लिए सरकारी कार्यालयों में अनुशासन का माहौल बना रहना आवश्यक है। सभी अधिकारी और कर्मचारी समय से कार्यालय आएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि भोजनावकाश आधा घंटे से अधिक न हो। भोजनावकाश पूरा होने के बाद सभी कार्मिक फिर से अपने कार्यस्थल पर समय से उपस्थित रहें। यह निर्देश सीएम को इसलिए देना पड़ा है, क्योंकि अधिकांश कार्यालयों में दोपहर में लंच के समय अधिकारी-कर्मचारी गायब हो जाते हैं, जो कि एक-दो घंटे बाद ही लौटते हैं। तब तक अलग-अलग काम से आने वाले आमजन और फरियादी वहां बैठे प्रतीक्षा करते रहते हैं। इस ढुलमुल रवैये से विभागीय कामकाज भी प्रभावित होता है। शासन में प्रमुख पदों पर बैठे अधिकांश आइएएस अधिकारियों का भी यही हाल है।