बैग ट्रक के टायर में फंसने से परिषदीय शिक्षिका की गिरकर मौत, 69 हजार में हुआ था चयन | Council teacher dies after getting stuck in bag truck tire, was selected in 69 thousand - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

बैग ट्रक के टायर में फंसने से परिषदीय शिक्षिका की गिरकर मौत, 69 हजार में हुआ था चयन | Council teacher dies after getting stuck in bag truck tire, was selected in 69 thousand

Council teacher dies after getting stuck in bag truck tire, was selected in 69 thousand
हसवा (फतेहपुर)। बाइक से गिरकर शिक्षिका की मौत हो गई। उसके बैग की बेल्ट बगल से गुजर रहे ट्रक में फंस गई थी, जिससे वह सड़क पर गिर पड़ी। शिक्षिका के सिर पर गंभीर चोट आई थी। बाइक चला रहे पति को चोट नहीं आई है। पुलिस ने बताया कि शिक्षिका पति के साथ स्कूल अपनी ड्यूटी पर जा रही थी।
थरियांव थाने के हसवा कस्बा निवासी सुरेश की पत्नी सुधा पाल (40) घर से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक स्कूल द्वितीय में तैनात थी। वह गर्मी की छुट्टियों पर मायके रायबरेली जिले के मुंशीगंज गई हुई थी। स्कूल खुलने पर गुरुवार सुबह रायबरेली से पति के साथ बाइक से लौट रही थी। हुसैनगंज थाना क्षेत्र के सातमील के पास मौरंग लदा ट्रक बाइक पर पीछे बैठी शिक्षिका के बगल से गुजरा।

तभी सुधा के हाथ से लटकता बैग ट्रक में फंस गया। इस पर देखते ही देखते सुधा बाइक से अनियंत्रित होकर सड़क पर गिरी। बाइक सवार पति दूसरी ओर गिरा। हादसा देखकर आसपास के लोग पहुंचे। पुलिस ने शिक्षिका को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सुरेेश ने बताया कि पत्नी 2005 में शिक्षामित्र पद भर्ती हुई थी। 69 हजार भर्ती में सहायक अध्यापक पद पर चयनित हुई थी। थानाध्यक्ष रणजीत बहादुर सिंह ने बताया कि ट्रक का पता नहीं चला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
शिक्षिका अपने पीछे दो बेटियां श्रेया, संसिता को छोड़ गई है। सूचना पर दोनों बेटियां जिला अस्पताल पहुंची। मां का शव देखकर चीख पुकार मचाने लगी। कक्षा 12 वीं की छात्रा श्रेया ने पिता पर ही मां की मौत का आरोप लगाया। श्रेया का आरोप है कि पिता अक्सर मां के साथ मारपीट करते थे, उन्होंने ही मां को जानबूझ कर बाइक से गिरा दिया है।
एबीएसए जयसिंह और सुधा के साथी शिक्षकों ने हादसे की जानकारी होने पर दो मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त की। एबीएसए का कहना है कि जल्दबाजी में जीवन दांव पर न लगाए। घर से कुछ समय पहले निकले तो भी समय से और सुरक्षित स्कूल पहुंचा जा सकता है। बताया कि अक्सर शिक्षक जल्दी पहुंचने के प्रयास में तेज रफ्तार से वाहन चलाकर स्कूल पहुंचते हैं।

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