According to intellectual ability, out of school children will get education
परिषदीय स्कूलों में आउट ऑफ स्कूल बच्चों को लेकर विशेष कवायद चल रही है। एक भी बच्चा पढ़ाई से न छूटे इसके लिए पांच चरण में तैयारी की गई है। पहले चरण में बच्चों का चिन्हांकन, दूसरे चरण में पंजीकरण और
एनरोलमेंट के बाद अब तीसरे और चौथे चरण की तैयारी हो रही है। इसके तहत पहले टेस्ट लेकर बच्चों का असेसमेंट किया जाएगा। इसमें बच्चों की बौद्धिक क्षमता आंकी जाएगी। उम्र के हिसाब से बच्चे को जिस कक्षा में प्रवेश दिलाना है, उसके अनुसार ट्रेनिंग देकर उसे मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए विद्यालयों में ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इसमें विद्यालय में नामांकित सभी आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए उनके अधिगम स्तर के अनुसार विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। पांचवें चरण में ट्रैकिंग होगी, इसमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह सभी बच्चे प्रतिदिन आ रहे हैं या नहीं । बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि अप्रैल माह में मलिन बस्ती के बच्चों का स्कूल में प्रवेश कराया गया है। अब जुलाई में आउट ऑफ स्कूल बच्चे चिह्नित होते है तो तीसरे और चौथे चरण के तहत उनका आंकलन किया जाएगा। इसके बाद बौद्धिक क्षमता के अनुसार उनको शिक्षा दी जाएगी।