Course to make teachers of degree colleges proficient, six courses in guru efficiency compulsory for all
लखनऊ। डिग्री कॉलेजों के स्थायी शिक्षकों को शिक्षण में दक्ष बनाने के लिए एलयू में तीन कोर्स शुरू किए गए हैं। भविष्य की चुनौतियों के साथ बदलते स्वरूप के शिक्षण कार्य में शिक्षकों को ऑलराउण्डर बनाने के लिए इन पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।
एलयू के हृयूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) ने नए सत्र के लिए गुरु दक्षता, रेफ्रेशर एवं शार्ट टर्म समेत तीन पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। गुरुओं के लिए शुरू हो रहे तीनों ही पाठ्यक्रम की मंजूरी विश्वविद्यालय यूजीसी से मिल गई है। खास बात ये है कि इन कोर्स को करने के लिए लखनऊ या प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तराखण्ड समेत छह राज्यों के शिक्षक जुड़े हैं।
प्रमोशन के लिए कोर्स अनिवार्य एलयू के एचआरडीसी केन्द्र के निदेशक प्रो. कमल कुमार ने बताया कि बदलते समय में शिक्षण कार्य का स्वरूप भी बदला है। ऑनलाइन शिक्षा और तकनीक का प्रयोग जरूरी हो गया है। साथ ही आने वाले समय में शिक्षकों के सामने क्या चुनौतियां होंगी, उनसे कैसे निपटना है, ये सारी चीजें सिखायी जाएंगी। ये कोर्स सभी शिक्षकों को करना होगा क्योंकि प्रमोशन के लिए ये अनिवार्य है।
गुरु दक्षता में छह कोर्स सभी के लिए अनिवार्य
प्रो. कमल कुमार ने बताया कि सभी शिक्षकों को ये कोर्स करने हैं। कोर्स के एक पूरे साल में छह कोर्स सेशन होंगे। 28 से गुरु दक्षता कोर्स का पहला सेशन शुरू हो गया है जो 11 जुलाई तक ऑनलाइन चलेगा। जिसमें छह राज्यों के 37 शिक्षक हैं। रेफ्रेशर कोर्स 12 दिन को होगा जो साल में छह बार होगा। शिक्षक कभी भी कर सकते हैं। शार्ट टर्म कोर्स विषय आधारित है। इसे साल में चार बार कराया जाएगा। प्रत्येक कोर्स की तारीखें घोषित कर दी गई हैं। इसके साथ ही वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन भी किया जाएगा।