Exemption to firefighters in the recruitment of central forces, the Ministry of Home Affairs said - will give priority in appointments
थल सेना, नौसेना और वायु सेना में ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती होने वाले ‘अग्निवीरों’ को केंद्रीय सशस्त्रत्त् पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को यह लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और मध्य प्रदेश ने पुलिस भर्ती में इन्हें प्राथमिकता देने का ऐलान किया है।
चार साल बाद मौका : सरकार ने सेना भर्ती में दशकों पुरानी प्रक्रिया को पूरी तरह बदलते हुए ‘अग्निपथ’ योजना की शुरुआत की है, जिसमें चार साल के लिए युवाओं की भर्ती होगी। इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे थे कि कि चार साल बाद इन युवाओं का क्या होगा। अब राज्य सरकारों और मंत्रालयों ने इन्हें प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। एक दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि अग्निपथ के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को पुलिस की भर्ती में वरीयता देंगे।
सेना की क्या तैयारी : सेना में अग्निवीरों के चयन को लेकर सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बुधवार को जवाब दिया। उन्होंने बताया कि अब से 90 दिनों के अंदर पहली भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। और अब से करीब 180 दिनों के बाद पहले बैच के चयनित लोग प्रशिक्षण केंद्रों में होंगे। करीब एक साल बाद सारे अग्निवीर बटालियन का हिस्सा बन जाएंगे। पहले एक साल में करीब 40 हजार लोगों को भर्ती किया जाएगा। ये भर्ती राष्ट्रीय स्तर पर होगी जिसमें छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद 3.5 साल काम करने का मौका मिलेगा। चौथे साल के आखिर में कुल लोगों में से 25 प्रतिशत लोगों को भारतीय सेना में रखने पर विचार कर रहे हैं।
गृहमंत्रालय ने विस्तृत योजना तैयार कर काम भी शुरू किया
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है।