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बजट तो मिला, मगर बेसिक शिक्षा पर खर्च ही नहीं किया | Got the budget, but did not spend on basic education

Got the budget, but did not spend on basic education
बदायूं। जिला योजना 2021-22 में प्राथमिक शिक्षा के लिए 45.70 करोड़ का अनुमोदन किया गया था। जिसके सापेक्ष जिले को 8.48 करोड़ अवमुक्त किए गए, लेकिन प्राथमिक शिक्षा पर अवमुक्त बजट में सिर्फ 1.71 करोड़ ही खर्च किए जा सके। पूरे साल न तो प्राथमिक स्कूलों केे दशा सुधरी और न ही शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ।

प्राथमिक विद्यालयों और शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 2021-22 में दी गई कार्य योजना पर जिला योजना समिति ने 45.70 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया था। इस धनराशि से जर्जर प्राथमिक स्कूलों के भवनों की मरम्मत के साथ, चहारदीवारी, पेयजल की व्यवस्था आदि पर काम होने थे। पहले तो बजट अवमुक्त करने में ही कंजूसी की गई और इसके बाद प्राथमिक शिक्षा पर बजट खर्च करने में इससे भी ज्यादा कंजूसी हुई।

जिले में कुल 2155 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 1502 प्राथमिक और 653 उच्च प्राथमिक और संविलियन विद्यालय शामिल हैं। जिला योजना 2021-22 में अनुमोदित 45.70 करोड़ के सापेक्ष 8.48 करोड़ ही जारी किए गए और खर्च की बात करे तो विभाग अवमुक्त 8.48 करोड़ में से सिर्फ 1.71 करोड़ ही खर्च कर सका। ऐसे में न तो प्राथमिक स्कूलों और न इन स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार हो सका।
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कई स्कूलों की दशा बेहद खराब

परिषदीय विद्यालयों की बात करें तो सरकार इस मद में मोटा बजट खर्च करती है। शिक्षकों और शिक्षामित्रों के वेतन से लेकर मिड-डे मील, मुफ्त पुस्तकें, मुफ्त यूनिफार्म, छात्रवृत्ति आदि पर भी मोटा बजट खर्च किया जाता है। इसके बाद भी तमाम प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की दशा बेहद खराब है। इससे भी ज्यादा खराब यहां शिक्षा का स्तर है। मिड-डे मील, यूनिफार्म, दूध, फल वितरण को लेकर तमाम विद्यालय और शिक्षक विवादों में भी रहते हैं। तमाम सुविधाओं और सहूलियतों के बाद भी अभिभावक बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहते।
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एक नजर में
  • अनुमोदित बजट- 4570.1 लाख
  • अवमुक्त बजट- 848.58 लाख
  • खर्च हुआ बजट- 171.51 लाख
  • जिले में प्राथमिक स्कूल-1502
  • जिले में उच्च प्राथमिक स्कूल- 653
  • प्राथमिक स्कूलों में छात्र-छात्राएं- 223733
  • उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र-छात्राएं- 86974
जिला योजना में 4570.1 लाख के बजट का अनुमोदन किया गया था। इसमें 848.58 लाख ही अवमुक्त हो सका। जो बजट खर्च किया गया है उसके बारे में जानकारी जुटाने के बाद ही कुछ बता सकता हूं। जहां भी जरूरत होती है वहां विद्यालयों में जरूरी काम कराए जा रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर पहले के मुकाबले अब काफी बेहतर हुआ है।- डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

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