Shikshamitra and Anudeshak will also have to go to school, this will be the process of renewal
शासन ने परिषदीय स्कूलों में 16 जून से शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की उपस्थिति पर कायम असमंजस को दूर कर दिया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि अब शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि 16 जून से 31 मई तक होगी। इन्हें पूर्व की भांति 11 माह का ही मानदेय मिलेगा। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने भी अपने आदेश में शिक्षकों के साथ शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को विद्यालय जाने के निर्देश दिए हैं।
अब तक जुलाई माह में स्कूल खुलने के कारण जून में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की उपस्थिति का पेंच नहीं फंसता था। पिछले वर्ष कोरोना के कारण बंद रहे स्कूलों को 21 जून से खोला गया था लेकिन उस समय बच्चों व शिक्षामित्रों तथा अनुदेशकों को उपस्थिति से छूट थी। इस वर्ष 16 जून से ही शिक्षकों एवं बच्चों के लिए स्कूल खुलने के कारण असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शीतकालीन अवकाश की 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक की अवधि को संविदा अवधि में नहीं गिना जाएगा। इस तरह शीतावकाश के 15 दिन व जून माह के 15 दिनों का मानदेय शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को नहीं मिलेगा। इसके चलते उन्हें पूर्व की भांति 11 माह का मानदेय ही प्राप्त होगा।
तो अब टूट गया सुंदर सपना
शासन एवं विभाग द्वारा स्थिति स्पष्ट न किए जाने से पहले शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों ने जून माह में भी मानदेय पाने का सुंदर सपना संजो लिया था। बुधवार को स्थिति स्पष्ट होते ही शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के चेहरे उतर गए।
यह होगी नवीनीकरण की प्रक्रिया
सत्र में यदि किसी शिक्षामित्र का शिक्षण कार्य एवं आचरण संतोषजनक नहीं रहता है तो ग्राम शिक्षा समिति 31 मई तक तथ्यात्मक आपत्ति बीएसए को उपलब्ध कराएगी। बीएसए ऐसे सभी प्रस्तावों को डीएम के समक्ष रखेंगे। डीएम यदि प्रस्तावों से संतुष्ट होंगे तो ऐसे शिक्षामित्रों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा अन्यथा 16 जून से स्वत: नवीनीकरण हो जाएगा।