फर्जी बीएड मार्कशीट पर नौकरी करने वाले अध्यापक को नहीं मिली राहत, पढ़ें मामला? | Teacher who worked on fake BEd marksheet did not get relief, read the matter? - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

फर्जी बीएड मार्कशीट पर नौकरी करने वाले अध्यापक को नहीं मिली राहत, पढ़ें मामला? | Teacher who worked on fake BEd marksheet did not get relief, read the matter?

A teacher who worked on a fake BEd mark sheet did not get relief, read the matter?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली दो जजों की खंडपीठ ने फर्जी बीएड मार्कशीट पर नौकरी करने वाले अध्यापक को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय के दिए गए हलफनामे के मुताबिक याची का मामला अंकपत्र में छेड़छाड़ का पाया गया। लिहाजा, याचिका स्वीकार योग्य नहीं है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने रावेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया।

मामले में याची ने हाईकोर्ट की एकल खंडपीठ के न्यायाधीश के फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। एकलपीठ ने मामले की सुनवाई कर याचिका को खारिज कर दिया। याची बेसिक शिक्षा विभाग में सेवारत था। अंकपत्रों की जांच केदौरान गड़बड़ी पाए जाने पर उसकी सेवा को समाप्त कर दिया गया था। याची ने अपनी सेवा समाप्ति को एकलपीठ के समक्ष चुनौती दी थी।

एकलपीठ ने आगरा विश्वविद्यालय की ओर से जांच कराए जाने के बाद याची पर आरोप सही पाए जाने पर याचिका को खारिज कर दिया। याची ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की। तर्क दिया कि याची अंकसुधार परीक्षा में शामिल हुआ था, लेकिन विश्वविद्यालय ने उसे कोर्ट के समक्ष रिकॉर्ड में प्रस्तुत हीं नहीं किया।

याची ने इसके लिए अंकसुधार परीक्षा का प्रवेशपत्र व फीस रसीद भी प्रस्तुत की, लेकिन कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय ने जो हलफनामा प्रस्तुत किया है, उसके मुताबिक याची के पहले पेपर में 53 अंक दर्ज हैं, जबकि याची की ओर से प्रस्तुत अंकपत्र में 63 दिख रहे हैं। पांचवें पेपर में विश्वविद्यालय अनुपस्थित बता रहा है, लेकिन याची के अंकपत्र में 69 अंक दिखाई पड़ रहे हैं। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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