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लेखपाल भर्ती परीक्षा: ‘गुरुजी’ ने व्हाट्सएप पर भेजी थी सॉल्वर गैंग को आंसर की

लेखपाल भर्ती परीक्षा के दौरान सॉल्वर गैंग को अरविंद ने आंसर की व्हाट्सएप पर मुहैया करा दी थी। अरविंद को लोग ‘गुरुजी’ के नाम से जानते हैं हालांकि अभ्यर्थियों के मोबाइल में उसका नंबर अरविंद सर नाम से सेव था। एक दो नहीं बल्कि चारों सेट की आंसर की साल्वर गैंग को मिल गई थी। इसके बाद अभ्यर्थियों को कॉल करके आंसर की जानकारी देनी थी लेकिन उसके पहले ही एसटीएफ ने रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया। लखनऊ एसटीएफ ने अरविंद समेत दो लोगों को वांछित किया है। इनके पकड़ में आने के बाद ही पता चलेगा कि उन्हें किस सेंटर से प्रश्न पत्र मिला था। इनके खिलाफ आईटी एक्ट में भी कार्रवाई हुई है।
जेल भेजे गए संदीप और नरेंद्र : लखनऊ एसटीएफ ने रविवार को झूंसी से डा. केएल पटेल गैंग से जुड़े नरेंद्र और संदीप पटेल को गिरफ्तार किया था। इन दोनों ने प्रयागराज और वाराणसी में परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नकल कराने का इंतजाम किया था। पुलिस ने उनके पास से लैपटॉप, कार, मोबाइल, ब्ल्यूटूथ डिवाइस आदि उपकरण बरामद किया। जांच पता चला कि नरेंद्र पटेल के मोबाइल पर अरविंद सर के नाम से साढ़े दस बजे लेखपाल भर्ती परीक्षा की आंसर की भेजी गई थी। धीरे-धीरे करके इनके पास चारों सेट आ गए थे। बी, डी, एच और हिंदी की आंसर की मिली। एसटीएफ ने इस मामले में नरेंद्र, संदीप, अरविंद और योगेश के खिलाफ झूंसी थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने सोमवार को नरेंद्र और संदीप को जेल भेज दिया।

अरविंद और योगेश की तलाश :

सीओ एसटीएफ लाल प्रताप सिंह ने बताया कि अरविंद ने नरेंद्र को आंसर की भेजी थी। अरविंद को सभी गुरुजी कहते हैं। गुरुजी कोई शिक्षक हैं या कोई कोचिंग संचालक, इसकी जांच की जा रही है। उनका मोबाइल ऑफ है। सोरांव निवासी अरविंद की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा कि उन्हें किस परीक्षा केंद्र से पेपर मिला और किसकी मदद से उसने आधे घंटे में पेपर सॉल्व करा लिया। पुलिस ने बताया कि इस फर्जीवाड़ा में फरार अरविंद के साथी योगेश ने अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। पुलिस अरविंद और योगेश की तलाश कर रही है। पकड़े गए दोनों आरोपियों के पास से फर्जी पते पर लिया गया सिम कार्ड तथा एक अभ्यर्थी का मूल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का अंकपत्र मिला है।

मध्य प्रदेश में नौकरी पाने वाले पांच युवक रडार पर

सीओ एसटीएफ ने बताया कि कुछ माह पहले भारतीय डाक विभाग की ओर से आयोजित ग्रामीण डाक सेवा परीक्षा 2022 में इस गैंग ने पांच अभ्यर्थियों से सात-सात लाख रुपये लेकर सेटिंग कराई थी। इनमें मध्य प्रदेश के पांच अभ्यथिर्यों का चयन हुआ हो चुका है। दरअसल इन शातिरों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का फर्जी अंकपत्र तैयार कराकर यह फर्जीवाड़ा किया था। मेरिट के आधार पर पांचों युवकों का चयन हुआ है। इसकी जानकारी मिलने पर छानबीन की जा रही हैं। गंगापार इलाके में रहने वाले पांचों युवक एसटीएफ के रडार पर हैं। इनकी मध्य प्रदेश में जॉब लगी है। अभी नियुक्ति नहीं हुई है। इनका सत्यापना कराया जाएगा।

संदीप ने पांच लाख लेकर भेजी थी आंसर की, जेल गए

प्रयागराज। प्रयागराज में बैठकर कानपुर और वाराणसी में सॉल्वर गैंग की मदद से नकल कराने के आरोप में पकड़े गए शिक्षक विजयकांत पटेल, दिनेश कुमार यादव और सोनू कुमार को फाफामऊ पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया। सीओ एसटीएफ नवेंदु सिंह ने बताया कि विजयकांत पटेल को संदीप पटेल ने पांच लाख रुपये लेकर सॉल्व पेपर भेजा था। उसी पेपर से सॉल्वर गैंग अभ्यर्थियों को आंसर की बताते लेकिन उसके पहले पकड़ लिये गए। अब संदीप पटेल की तलाश की जा रही है। संदीप पटेल डॉ. केएल गैंग से जुड़ा है। वह इससे पहले भी इसी तरह के फर्जीवाड़ा में जेल जा चुका है।

लिपिक के सहयोग से पहुंचा था नकल कराने वाला

प्रयागराज। चेतना गर्ल्स इंटर कॉलेज में लेखपाल भर्ती परीक्षा के दौरान नकल कराने के मामले में पूछताछ के दौरान पता चला कि स्कूल प्रिंसिपल शबनम के बेटे शाबान अहमद एवं काशान अहमद विद्यालय का प्रबंधन देखते हैं। उनके कहने पर लिपिक महाबीर सिंह के सहयोग से नकल कराने वाला पहुंचा था।

इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट संदीप यादव ने स्कूल की प्रिंसिपल समेत नौ के खिलाफ करेली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि सोमवार को स्कूल प्रिंसिपल, प्रबंधक, एक कक्ष निरीक्षक और कार्यालय प्रभारी को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।

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