मा0 स्कूलों में सबसे बाद में आया शिक्षक माना जाएगा सरप्लस - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

मा0 स्कूलों में सबसे बाद में आया शिक्षक माना जाएगा सरप्लस

 लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों के निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा एडेड स्कूल में सबसे बाद में भर्ती या फिर दूसरे स्कूल से ट्रांसफर होकर आए शिक्षक को सरप्लस माना जाएगा। इन स्कूलों में पहले के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है, ऐसे में छात्र- शिक्षक अनुपात के अनुसार शिक्षक समायोजित किए जाएंगे। इन्हें दूसरे विद्यालयों में ट्रांसफर किया जाएगा और इनका पद समाप्त किया जाएगा। अगर स्थानांतरण संभव नहीं है तो विद्यालय की भावी रिक्तियों में इन्हें समायोजित किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश व मंडल स्तर पर दो कमेटियां गठित की गई हैं।



प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। मगर ऐसे शिक्षक जो स्वयं कैंसर, लीवर व किडनी जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त शिक्षकों को एम्स, पीजीआइ, मेडिकल कालेज व चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर इन्हें सरप्लस की श्रेणी में नहीं माना जाएगा। ऐसे शिक्षक जो खुद दिव्यांग हैं या फिर उनके स्वजन दिव्यांग हैं या फिर गंभीर रोग से ग्रस्त हैं, विवाहित महिला शिक्षक जिसका बच्चा आटिस्टिक है या 40 प्रतिशत दिव्यांग है, ऐसे शिक्षक जिनके पति या पत्नी सेना में हैं, ऐसी विधवा महिला या विधुर पुरुष जिन्होंने दूसरी शादी नहीं की है और वह एकल अभिभावक उन्हें भी सरप्लस शिक्षकों की श्रेणी से छूट दी जाएगी। सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने के लिए प्रदेश स्तर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय और मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

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