प्रयागराज : बेसिक शिक्षा की 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की गड़बड़ी के चलते चयन से बाहर हुए आरक्षित वर्ग के 6,800 अभ्यर्थियों की सूची वर्ष भर पहले जारी होने के बावजूद अब तक नियुक्ति नहीं मिल सकी है। इसी भर्ती में परिभाषा के एक प्रश्न के सभी विकल्प गलत होने से एक अंक से बाहर रह गए अभ्यर्थी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के बाद नियुक्ति मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आरक्षित वर्ग के 6,800 पदों के मामले में हाई कोर्ट के निर्णय पर नियुक्ति टिकी है।
69,000 Shikshak bharti दिसंबर 2018 में आई थी। इसमें आरक्षण का निर्धारण गलत हो जाने से आरक्षित वर्ग के वंचित अभ्यर्थी हाई कोर्ट गए थे। मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच जनवरी 2022 को आरक्षित वर्ग में 6,800 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की।
आरक्षित वर्ग में चयनित लक्ष्मीकांत यादव के मुताबिक उनके प्रकरण में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित किया है। उन्होने बताया कि सामान्य वर्ग में कटआफ अंक 69.07 माना है, जबकि नियुक्ति 66.48 तक हुई है। इसी तरह ओबीसी में कटआफ 65.53 माना है, जबकि नियुक्ति 66.48 तक मिली है। एससी वर्ग में कटआफ 59.55 माना है, जबकि नियुक्ति 60.04 तक पाए हैं। इस भर्ती में जितने अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है, उतने पद इस भर्ती में शेष नहीं हैं। इस कारण 6800 के मामले में भी नियुक्ति प्रक्रिया अटकी है।
फैसला आने पर स्पष्ट होगा कि कोर्ट ने क्या कटआफ निर्धारित किया। उसी आधार पर एक अंक से मेरिट से वंचितों का कटआफ तय होगा। फिलहाल एक अंक से मेरिट से बाहर हुए याची अभ्यर्थियों से पीएनपी ने आवेदन मांगे हैं। अंतिम तिथि 19 जनवरी तक आवेदन मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।