👇Primary Ka Master Latest Updates👇

यूपी में 7630 स्कूल भवनों की हालत जर्जर:सरकार ने कोर्ट को बताया, स्कूल इमारतों की करायी जा रही है जांच,एनडीएमए की सुस्ती पर कोर्ट खफा

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर चल रहे एक मामले की सुनवायी के दौरान, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2025 तक 7630 ऐसी स्कूली इमारतें मिली हैं जो जर्जर अवस्था में थीं तथा ऐसी इमारतों के जर्जर हिस्सों को ध्वस्त करा दिया गया है। न्यायालय ने इस मामले में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सुस्ती पर नाखुशी जताते हुए कहा कि इस मामले को देखने की जिम्मेदारी उसकी थी लेकिन वह अपना दायित्व गम्भीरता से नहीं निभा रही है। न्यायालय ने अगली सुनवायी के लिए 22 सितम्बर की तिथि नियत की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने गोमती रिवर बैंक रेजीडेंट्स की ओर से वर्ष 2020 में दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। उक्त याचिका में शहर के आवासीय क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों का मुद्दा खास तौर पर उठाया गया है। सुनवायी के दौरान न्यायालय ने अविनाश मेहरोत्रा मामले में शीर्ष अदालत द्वारा वर्ष 2009 में दिए गए दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर दिया है। न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुपालन में कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुयी, माध्यमिक शिक्षा की महानिदेशक ने बताया कि शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी स्कूलों में अपनाए गए सुरक्षा मानकों की जांच कर रहे हैं। वहीं न्यायालय ने पाया कि शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी एनडीएमए की है लेकिन उसके द्वारा ढिलायी बरती जा रही है। इस पर न्यायालय ने अगली सुनवायी पर एनडीएमए को स्पष्ट करने को कहा है कि वह शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का अनुपालन कैसे करेगी।

वहीं पूर्व के आदेश के अनुपालन में उपस्थित हुए, डीसीपी ट्रैफिक, कमलेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि स्कूलों के आसपास ट्रैफिक व्यवस्था को बहुत गम्भीरता से देखा जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,