नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब एक ही कोर्स या क्षेत्र से बंधे रहने की जरूरत नहीं है। नए शैक्षणिक सत्र से वे कभी भी उसे बीच में छोड़ और शुरू कर सकेंगे। या फिर उसके क्रेडिट के आधार पर किसी नए कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। शिक्षा मंत्रलय ने उच्च शिक्षण संस्थानों में एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) स्कीम पर तेजी से अमल शुरू कर दिया है। हालांकि इसके तहत छात्र अपने जमा क्रेडिट को सिर्फ सात सालों तक ही भुना सकेंगे। इसके बाद वह पढ़ाई मान्य नहीं होगी।
उच्च शिक्षा में वैश्विक मापदंडों को कायम करने के लिए शिक्षा मंत्रलय ने नए शैक्षणिक सत्र यानी वर्ष 2021-22 से उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट की स्कीम शुरू की है। इसे सिर्फ वहीं संस्थान अपना सकेंगे, जो नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडेशन काउंसिल) की ‘ए’ रैंकिंग प्राप्त होंगे। या फिर एनआइआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) की रैंकिंग में शीर्ष सौ संस्थानों में शामिल होंगे। यानी यह व्यवस्था गुणवत्ता प्राप्त संस्थानों में ही लागू होगी। फिलहाल देश में मौजूदा समय में नैक की ए रैंकिंग और एनआइआरएफ की शीर्ष की सौ रैंकिंग हासिल करने वाले करीब 351 उच्च शिक्षण संस्थान हैं।
’>>एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट स्कीम नए सत्र से होगी लागू
’>>नैक के ‘ए’ ग्रेड वाले 351 संस्थान अपना सकेंगे स्कीम
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