राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल बढ़ाने का रास्ता साफ, दो साल बढ़ाई गई अधिकतम आयु सीमा
प्रदेश सरकार ने राज्य निर्वाचन आयुक्त पंचायत एवं स्थानीय निकाय मनोज कुमार का कार्यकाल बढ़ाने के लिए नियमावली में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। कार्यकाल बढ़ने से मनोज विधानसभा चुनाव बाद 2022 में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव भी करा सकेंगे।
सरकार ने 1982 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार को जनवरी 2018 में प्रदेश का मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया था। वे 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद फरवरी 2014 में प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। मौजूदा नियमावली के अनुसार उनका कार्यकाल छह वर्ष एवं अधिकतम 68 वर्ष है। इस तरह उनका कार्यकाल फरवरी 2022 में खत्म हो रहा है। फरवरी में ही विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में तब नए आयुक्त की नियुक्ति संभव नहीं होगी। दूसरा, नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2022 से पूर्व नगरीय निकाय की मतदाता सूची भी तैयार की जानी है। यह कार्यवाही समय से हो लिहाजा मौजूदा आयुक्त का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया गया।
पंचायतीराज विभाग ने इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग (पंचायतराज और स्थानीय निकाय, नियुक्ति और सेवा की शर्तें) नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव किया था। इसके तहत आयुक्त का कार्यकाल छह वर्ष व अधिकतम 68 वर्ष के स्थान पर छह वर्ष व अधिकतम आयुसीमा 70 वर्ष करने का प्रस्ताव किया था जिसे कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। नियमावली में संशोधन से मनोज का कार्यकाल दो वर्ष और बढ़ जाएगा। अब वे जनवरी 2024 में 70 वर्ष की उम्र पूरी होने तक अपने पद पर बने रह सकेंगे।
मनमाफिक आयुक्त के लिए अब तक कई बार नियमों में बदलाव
राज्य सरकारें पंचायत व नगरीय निकाय के चुनावों में मनमाफिक आयुक्त बनाए रखना चाहती हैं। इसके लिए अब तक तीन बार आयुक्तों का कार्यकाल घटाया-बढ़ाया जा चुका है। शासन ने 1994 में राज्य निर्वाचन आयोग (पंचायतराज और स्थानीय निकाय, नियुक्ति और सेवा की शर्तें) नियमावली बनाई थी। पहले आयुक्त का कार्यकाल 7 वर्ष की अवधि व अधिकतम 67 वर्ष आयुसीमा थी। इसके बाद इसे घटाकर पांच वर्ष व अधिकतम आयुसीमा 65 वर्ष कर दी गई। वर्ष 2014 में संशोधन के जरिए आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष व अधिकतम 68 वर्ष किया गया। अब नए संशोधन में अधिकतम उम्र सीमा 70 वर्ष कर दी गई है।
हाईकोर्ट में सुरक्षा उपकरण लगवाएगी ईसीआईएल
प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुरक्षा संबंधी उपकरणों की स्थापना व अनुरक्षण संबंधी कार्यों के लिए कार्यदायी संस्था नामित करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि न्याय विभाग ने हाईकोर्ट में सीसीटीवी कैमरा, एक्सेस कंट्रोल और सुरक्षा उपकरणों की स्थापना व उसके अनुरक्षण संबंधी कार्यों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. (ईसीआईएल) को नामित करने का प्रस्ताव किया है। प्रदेश कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन प्रस्ताव पर सहमति दे दी है।
केवीके सोनभद्र को 32 एकड़ जमीन नि:शुल्क देने पर मुहर
प्रदेश सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्र सोनभद्र को राजकीय कृषि प्रक्षेद्घ मंगुरा राबर्ट्सगंज की भूमि नि:शुल्क दिए जाने संबंधी प्रस्ताव को बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र सोनभद्र का संचालन हो रहा है। इसके लिए कृषि प्रक्षेत्र मंगुरा राबर्ट्सगंज की करीब 32.5 एकड़ जमीन नि:शुल्क दिए जाने का प्रस्ताव किया गया था, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
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