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स्कूलों की हर कक्षा में एक छात्र को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाएंगे

नाबालिगों के खिलाफ फर्राटा अभियान सात तक


नाबालिगों के वाहन चलाने के खिलाफ चेकिंग अभियान की शुरूआत हो गई। पहले दिन स्कूलों के बाहर और चौराहों के आसपास चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान इक्का दुक्का ही नाबालिग स्कूटी, बाइक और ई रिक्शा चलाते मिले। इन नाबालिगों के अभिभावकों से मोबाइल पर बात करके चेतावनी देकर छोड़ दिया। अभियान के दूसरे दिन कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि सात जनवरी तक अभियान में कानूनी कार्रवाई की जाएगी, एफआईआर दर्ज कराते हुए गाड़ी मालिक के खिलाफ 25 हजार जुर्माना या तीन साल की जेल होगी।

वाहन स्कूल में लाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया
गौरतलब है कि माध्यमिक स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं के स्कूटी-मोटर साइकिल या चारपहिया वाहन लाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से मंगलवार को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं को स्कूलों में स्कूटी या मोटर साइकिल या कार लाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। 50 सीसी से कम क्षमता वाले मोटरसाइकिल को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। ऐसा करने की वजह बच्चों को हादसों से बचाना है।

लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लिए बड़ी खबर है। बाइक और कार चलाने पर रोक लगाने और सड़क दुर्घटनाओं में बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब के गठन की कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में अब हर स्कूलों की हर कक्षा में एक छात्र को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। कैप्टन की ओर से बच्चों को सड़क सुरक्षा विषय पर हर सप्ताह क्लास ली जाएगी।

दरअसल, परिवहन विभाग की ओर से सितंबर 2022 में स्कूलों के लिए रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया गया था। सवा साल तक इस व्यवस्था पर कोई काम नहीं हुआ। अब विभाग की ओर से स्कूलों में रोड सेफ्टी के लिए नोडल शिक्षक भी नामित किए जाएंगे।

इस संबंध में जनवरी और जुलाई में होने वाले जिला विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक में गठन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

बाल अधिकार संरक्षण को लेकर कवायद शुरू

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी की ओर से 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लिए रोड सेफ्टी के गठन पर कवायद तेज गई है। उन्होंने 15 दिसंबर को अवगत कराया था कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा बिना ड्राइविंग लाईसेंस के एक्टिवा, मोटरसाइकिल व अन्य वाहन चलाने से दुर्घटनाएं हो रही है। कानून का कड़ाई से अनुपालन कराना होगा।

स्कूलों में रोड सेफ्टी गठन को लेकर सात जनवरी तक सूचनाएं मांगी गई है। रोड सेफ्टी गठन के अंतर्गत क्या-क्या करना होगा। इसका ब्यौरा स्कूलों को भेजा गया है। आगामी परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक स्कूलों की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

चंद्र भूषण सिंह, परिवहन आयुक्त, उप्र परिवहन आयुक्त मुख्यालय

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