प्रयागराज। हाईकोर्ट ने शिक्षकों के लिए लागू की गई तबादला नीति के तहत प्राथमिक विद्यालयों में तैनात उन सहायक शिक्षकों को लाभ देने से इंकार कर दिया जिनके पति या पत्नी दिल्ली पुलिस में तैनात हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एक अलग राज्य है।
इसलिए वहां तैनात कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारी या अर्धसैनिक बल में नहीं माने जाएंगे। लिहाजा, शिक्षकों को तबादले नीति के तहत 10 फीसदी का लाभ नहीं दिया जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अर्चना तलियान, अनिता तोमर व अन्य, प्रीति गौतम व अन्य सहित कुल पांच याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर उसे खारिज करते हुए दिया।
यूपी सरकार की ओर से जारी तबादला नीति के तहत केंद्र सरकार, सेना या अर्धसैनिक बलों में तैनात कर्मचारियों के पति या पत्नियों को 10 फीसदी का वेटेज (अधिभार) देने का नियम बनाया है। शिक्षकों ने यह कहते हुए याचिका दाखिल कि उनके पति या पत्नी दिल्ली पुलिस में हैं और दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है। लिहाजा, वे केंद्रीय कर्मचारी हैं। लिहाजा, उन्हें तबादला नीति के तहत तबादले में 10 फीसदी का वेटेज दिया जाए।
जवाब में बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता अर्चना सिंह ने कहा कि वेटेज का प्रावधान दूसरे राज्य के कर्मचारियों को नहीं मिल सकता है। इसका प्रावधान नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस दिल्ली सीमाक्षेत्र के अंतर्गत है। वे केंद्र कर्मचारी, सेना या अर्धसैनिक बलों में नहीं आते हैं। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के तर्कों को स्वीकार करते हुए सहायक अध्यापकों की याचिकाओं को खारिज कर दिया। संवाद
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