लखीमपुर। एक साल पहले बांकेगंज ब्लॉक के 134 स्कूलों के एमडीएम का अनाज बाजार में बेचने के मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को दी गई है। एक करोड़ 78 लाख रुपये का अनाज गोदाम प्रभारी ने कर्मचारियों की मिलीभगत से बाजार में बेच दिया था। स्कूलों को अनाज न मिलने पर जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि कोटेदारों को ही अनाज नहीं मिला है। जिससे स्कूलों को नहीं पहुंचा। इस मामले में गोदाम प्रभारी दिनेश कुमार सिंह सहित अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को दी गई। क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी ने गुरुवार को बीएसए दफ्तर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए। वहीं डीएसओ से भी कोटेदारों की सूची मांगी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बच्चों को रोज एमडीएम दिया जाता है। बांकेगंज ब्लॉक के करीब 134 स्कूलों में जनवरी, फरवरी व मार्च 2022 का अनाज नहीं पहुंचा। स्कूलों से जब उपभोग प्रमाणपत्र मांगा गया तो पता चला कि स्कूलों तक अनाज पहुंचा ही नहीं है। इस पर तत्कालीन बीएसए ने एसएफसी जिला प्रबंधक को पत्र लिखा। मामले की जांच शुरू हुई तो सामने आया कि एफसीआई से तो अनाज उठाया गया लेकिन स्कूलों तक नहीं पहुंचा। बच्चों का एमडीएम बाजार में बेच दिया गया। जिला पूर्ति अधिकारी, एसएफसी के जिला प्रबंधक ने जब जमीनी हकीकत जांची तो यह पता चला कि तत्कालीन गोदाम प्रभारी दिनेश कुमार सिंह ने साथियों के साथ मिलकर स्कूलों में भेजा जाना वाला अनाज बाजार में बेच दिया।
मैलानी थाने में इस अनाज घोटाले की रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस की जांच में सिर्फ इतना पता चला कि एफसीआई गोदाम से अनाज बांकेगंज गोदाम पहुंचा लेकिन जनवरी, फरवरी और मार्च का खाद्यान्न कोटेदारों को नहीं दिया गया। इससे स्कूलों को नहीं पहुंचा।
डेढ़ साल बाद आईजी के पास पहुंचा मामला
डेढ़ साल बाद अब इस घोटाले का मामला आईजी के पास पहुंचा। आईजी ने जांच क्राइम ब्रांच लखीमपुर को सौंप दी। विवेचक विजय प्रताप सिंह गुरुवार को बीएसए दफ्तर पहुंचे और उस समय तैनात प्रधानाध्यापकों की सूची को एकत्र किया। टीम ने डीएसओ दफ्तर पहुंचकर तत्कालीन कोटेदारों के नाम व मोबाइल नंबर भी जुटाए। क्राइम ब्रांच ने अब इस मामले की कड़ियां जोड़ना शुरू कर दी हैं। इस अनाज घोटाले के समय जिले में तैनात रहे एसएफसी के अधिकारियों व कर्मचारियों, गोदाम प्रभारियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया जा रहा है।
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