महराजगंज, स्कूल चलो अभियान समेत अनेक योजनाओं व कार्यक्रमों पर हर वर्ष करोड़ों खर्च करने के बाद भी परिषदीय
विद्यालयों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है। जून में नोटिस दिए जाने के बाद भी छात्र संख्या नहीं बढ़ने पर कम संख्या वाले विद्यालय अब शासन-प्रशासन के निशाने पर आ गए हैं। 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को नजदीक के विद्यालयों पर विलय करके बंद कराया जा सकता है। इसको लेकर मंथन चल रहा है। राज्य परियोजना कार्यालय ने प्रदेश भर के ऐसे परिषदीय विद्यालयों की सूची तैयार की थी जिसमें 50 बच्चे या उससे कम नामांकित थे। महराजगंज में कुल 1705 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 1053 प्राथमिक विद्यालय, 240 उच्च प्राथमिक विद्यालय व 412 कम्पोजिट विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों में करीब सवा दो लाख से बच्चे पढ़ाई करते हैं।
राज्य परियोजना कार्यालय से कम छात्र संख्या वाली भेजी गई सूची में 201 विद्यालयों का नाम है। इसमें संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था। बीएसए श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा, 50 से कम बच्चों वाले विद्यालयों के संबंध में संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया था। अब आगे क्या करना है? इससे संबंधित जो भी शासन का दिशा निर्देश मिलेगा, उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
12 बीईओ को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब
महराजगंज में सभी ब्लाकों में 50 से कम संख्या वाले 201 विद्यालय हैं। छात्र संख्या बढ़ाने के लिए बीएसएस ने सभी 12 खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया था। इसमें छात्रों की संख्या बढ़ाने की भी चेतावनी दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक छात्र संख्या नहीं बढ़ने पर 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को नजदीक के विद्यालयों पर विलय करने की तैयारी की जा रही है। इससे कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति भी नहीं हो सकेगी।
किस ब्लाक में कितने विद्यालय निशाने पर
जिले के सभी ब्लाकों को मिलाकर 201 विद्यालय 50 या उससे कम छात्र संख्या वाले हैं। इनमें बृजमनगंज ब्लाक में 11, धानी में तीन, घुघली में 42, लक्ष्मीपुर में चार, महराजगंज में 11, मिठौरा में 15, निचलौल में 33, नौतनवा में 34, पनियरा में 21, परतावल में 15, फरेंदा में पांच, सिसवा ब्लाक में सात विद्यालय शामिल हैं।
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