जैसा कि जग जाहिर है कि जिस तरह से 68,500/- बेसिक शिक्षक भर्ती में व्यापक भ्रष्टाचार एवं धाँधली हुई थी, वह अपने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ चुके थे, स्मरण हो कि लखनऊ खण्ड पीठ के सिंगल बेंच के वरिष्ठ जज श्री इरसाद अली जी की कोर्ट ने उक्त महाभ्रष्टाचारी नियुक्ति प्रक्रिया को सीबीआई से जांच कराने का
आदेश दिये थे, लेकिन योगी सरकार ने उक्त अवैध भर्ती प्रक्रिया को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के डबल बेंच से गतिमान हो चुकी सीबीआई जांच पर स्टे लगवा दिया था, उक्त अवैध भर्ती प्रक्रिया पर पीड़ितों ने पुनः न्याय मांगने के लिए शीर्ष अदालत की चौखट पर फिर सिंगल बेंच के आदेश के क्रम में एवं डबल बेंच के आदेश का कैंसिल करवाने के लिए दिनांक - 23 अप्रैल को एक अति प्रभावशाली एसएलपी योजित कर दी है, जिसकी सुनवाई हेतु अगले माह मई में किसी भी तिथि पर निर्धारित हो सकती हैं.उक्त के क्रम में अभी तक 69000/- शिक्षक भर्ती में 40/45 पर आये हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट एवं लखनऊ खण्ड पीठ की कोर्ट के ऐतिहसिक फैसले पर योगी सरकार ने अपना स्पष्ट ओपीनियन सार्वजनिक नहीं किया है, यदि इस माह तक योगी सरकार डबल बेंच में नहीं गयी तो फिर डबल बेंच जाने की सम्भावना अति न्यून हो जाएगी.
बहरहाल यूपी से वांछित लोक सभा चुनाव के परिणाम पर सकारात्मक रिज़ल्ट पाने के लिए योगी सरकार अपना पूरा फोकस किये हुए हैं, उसी के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि योगी सरकार 69000/- शिक्षक भर्ती कोर्ट के आदेश के क्रम में, 40/45 पर सम्पन्न करायेगी या बीएड् धारियों को प्रसन्न करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक मैराथन दौड़ लगायेगी.