लखनऊ : बीएड का क्रेज घट रहा है। काउंसिलिंग समाप्ति की ओर है और अब तक डेढ़ लाख सीटें खाली हैं।
मैनेजमेंट कोटे की भर्तियां अब कॉलेज अपनी ओर से शुरू करेंगे। आसानी से सीटें मिल रही हैं, कोई मारामारी नहीं है। शिक्षक की नौकरी में टीईटी की अनिवार्यता के बाद बीएड को लेकर क्रेज घट रहा है। करीब 2.42 लाख सीटें उप्र में बीएड की हैं, जिनमें से अब तक 1.55 लाख सीटें खाली हैं। बीएड उप्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2020-22 का आयोजन इस बार लविवि ने किया है। प्रवेश परीक्षा हो चुकी है। अभ्यर्थियों ने अपने पसंद के कॉलेज चुन लिए हैं। इसके बाद अभी कुल करीब चार लाख सीटों में से 2.40 लाख सीटें बची हुई हैं। लविवि के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि सरकारी कॉलेजों में सीटों का चयन किया जा चुका है, अब मैनेजमेंट कोटे से सीटें भरी जाएंगी।
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