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मोहल्ला पाठशाला को प्रभावी बनाने के के लिए गूगल मीट का आयोजन

आंवला। वर्तमान में चल रहे कोविड संक्रमण की वजह से परिषदीय स्कूलों में एक ओर जहां बच्चों को विद्यालय आने को मना है तो वही उनकी पढ़ाई जारी रखने हेतु विभाग ने प्रेरणा साथी बनाए जाने का शिक्षकों को टारगेट दिया है। एआरपी सूर्यकांत ने रेवती न्याय पंचायत के के शिक्षकों की गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन मीटिंग की जिसमें बच्चों को शिक्षा से जुड़े रहने के लिए प्रेरणा साथियों की मदद से शिक्षा कार्य कराते रहने के टिप्स दिए तो वही शिक्षकों को कक्षा बार शिक्षक डायरी बनाने एवं ई-पाठशाला के पांचवे फेस के चलते बच्चों को अनवरत शिक्षण कार्य से जुड़े रहने को बताया। एआरपी ने बताया कि जब तक कोरोना संक्रमण के हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक हमें बच्चों को किसी ना किसी रूप से शिक्षा से जोड़े रखना है क्योंकि यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो बच्चे पुनः शून्य की तरफ जाने लगेंगे इसलिए हमें कैसे भी बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लानी होगी और यह हमारा नैतिक कर्तव्य भी है। इस मौके पर यूटा के जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि प्रेरणा साथी तो बना दिए गए हैं लेकिन विभाग की तरफ से उनको कोई भी मानदेय इत्यादि सुविधा नहीं है और ना ही उनकी कोई जवाबदेही है और ना ही उनको कोई संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिससे वह नाम मात्र हेतु ही बच्चों तरफ ध्यान दे रहे हैं।
यदि विद्यालयों में बच्चों को रोस्टर के हिसाब से बुलाने की विभाग द्वारा आदेशित कर दिया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि शिक्षक कहीं ना कहीं बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकते हैं। क्योंकि विद्यालयों में शिक्षण कार्य के बेहतर संसाधन उपलब्ध है ।

और बताया कि इस समय शिक्षकों को डीबीटी डाटा फीडिंग, प्रेरणा पोर्टल पर नामांकनए मिड डे मील कन्वर्जन कास्ट की फीडिंग में व्यस्त कर रखा है बच्चों और अभिभावकों का ध्यान सिर्फ मिड डे मील का खाद्यान्न एवम् कनवर्जन कास्ट के रूप में मिलने वाली राशि की तरफ है। आए दिन स्कूलों में अभिभावकों ब बच्चों की भीड़ लगी रहती है कि आ हमारे पैसे कब आ रहे हैं। लेकिन बच्चों का शैक्षिक स्तर गिरता जा रहा है। जबकि प्रेरणा साथी बनाकर उनसे शिक्षण कार्य कराने के लिए अधिकारियों द्वारा आदेश दिए जा रहे हैं जो कि धरातल पर ना के बराबर हैं।

बच्चों के लिए शिक्षण कार्य का बेहतर विकल्प विद्यालय से बेहतर और कहीं नहीं है। जिसके लिए बच्चों को पहले की तरह चा रोस्टर से बुलाया जाए अथवा कोई और विकल्प चुना जाए तभी बच्चों की पढ़ाई हो सकती है। इस मौके पर प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार संतोष कुमार राजुल कुमार सरिता कुमारी इसहाक बाबू तनवीर अहमद अंकित कुमार प्रदीप वर्मा महेश कुमार इत्यादि मौजूद रहे।

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