मेरठ। मुख्य संवाददाता
भाजपा में उठापटक जोरों पर है। स्थिति यह है कि पार्टी पदाधिकारी अपने रिश्तेदारों को ही मोर्चा, प्रकोष्ठ में पद दिलाना चाहते हैं। एक पदाधिकारी ने तो नगर निगम के संविदा ड्राइवर (Samvida karmi)(जो रिश्तेदार भी हैं) को ही मोर्चा का मंडल अध्यक्ष बनाने की सिफारिश कर दी है। उधर, भाजयुमो में मंडल अध्यक्षों को लेकर मामला शांत नहीं हो रहा है। कई भाजयुमो के मंडल अध्यक्ष बने (फिर रात में हट गये) तो रात में ही जश्न भी मनाया। ढोल-नगाड़े बजाए गए। वहीं, कंकरखेड़ा क्षेत्र में महानगर उपाध्यक्ष के रिश्तेदार के नाम को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। भाई-भतीजावाद को लेकर नेतृत्व भी कटघरे में है।
भाजपा में अब मोर्चा, प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्षों, पदाधिकारियों के मनोनयन को लेकर उठापटक शुरू हो गई है। जहां भाजयुमो में भाई-भतीजावाद को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। वहीं भाजपा के मंडल अध्यक्षों का कहना है कि जब तीन नाम भेजे गए तो उसमें चयन का अधिकार तो नेतृत्व को है। रिश्तेदारों के नाम भेजे जाने पर मंडल अध्यक्षों ने चुप्पी साध ली है। उधर, चर्चा है कि मंडल अध्यक्ष ने तो एक मोर्चा में पदाधिकारी के लिए नगर निगम के संविदा ड्राइवर (Samvida karmi latest update news)का नाम भेज दिया है। पार्टी में इस तरह के कई और नाम भी आ रहे हैं। पार्टी नेतृत्व के निर्देशों को दरकिनार कर जमकर भाई-भतीजावाद हो रहा है। अब भाजयुमो के मंडल अध्यक्षों को लेकर नए सिरे से नामों पर विचार हो रहा है। पैनल के हर नाम पर विचार के बाद अब निर्णय होगा।


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