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प्राथमिक विद्यालय में पहली से पांचवीं तक 165 बच्चे पंजीकृत, शिक्षक एक, कैसे हो पढ़ाई

पिनगवां। नूंह जिला शिक्षा के क्षेत्र में अन्य जिलों की अपेक्षा काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण यहां के स्कूलों में अध्यापकों का न होना। गांव जाख में प्राथमिक विद्यालय में पहली से पांचवीं तक 165 बच्चे पंजीकृत हैं। इनको पढ़ाने के लिए मात्र एक अध्यापक है। सरकार के नियम के अनुसार कम से कम छह अध्यापक होने चाहिए। गांव के लोग सरकार से कई बार अन्य अध्यापकों की मांग कर चुके हैं। गांव के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर स्कूल में अध्यापक नहीं भेजे गए तो मजबूर होकर उनको विरोध में स्कूल पर ताला लगाना पड़ेगा।

गांव जाख के सैयद इब्राहीम, जुबेर अहमद, खान मोहम्मद, सुलेमान, याकूब और मुनसेद आदि लोगोेें ने बताया कि उनके गांव के स्कूल में काफी समय से पांचवीं तक बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल एक ही अध्यापक है। स्कूल में 165 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उनका कहना है कि एक अध्यापक जब पहली कक्षा को पढ़ाता है तो चार कक्षाएं खाली रहती हैं। इस दौरान बच्चे झगड़ते रहते हैं या फिर खेलकूद में मस्त हो जाते है। उनका कहना है कि एक अध्यापक बच्चों को पढ़ाए या फिर उनको संभालकर रखे। अध्यापक के पास स्कूल के अन्य कार्य भी होते हैं।

गांव के लोगों ने सरकार से मांग की है कि उनके स्कूल में जल्द से जल्द कम से कम तीन-चार अध्यापक और भेजे जाएं। अगर जल्द ही प्रशासन ने अध्यापक नहीं भेजे तो उनको मजबूर होकर स्कूल पर ताला जड़ना पडे़गा क्योंकि 165 बच्चों को एक अध्यापक किसी भी कीमत पर शिक्षा नहीं दिला सकता। बिना अध्यापकों के उनके बच्चों का भविष्य खराब होता जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी

पुन्हाना के खंड शिक्षा अधिकारी धर्मबीर सिंह का कहना है कि जाख में अध्यापकों की कमी के बारे में उनको जानकारी है। एक सप्ताह के अंदर कई अध्यापकों की नियुक्ति जाख स्कूल में की जा रही है। जिसकी सूची तैयार हो रही है

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