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राहत: 3.65 लाख छात्रों की शुल्क भरपाई के लिए नियमों में देंगे ढील

लखनऊ। प्रदेश सरकार 3.65 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए नियमों में ढील देगी। ये वो छात्र हैं, जो पिछले सत्र में बजट की कमी समेत कई कारणों से इसका लाभ नहीं पा सके थे। समाज कल्याण विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। शासन की सहमति से ही प्रस्ताव भेजा गया है। इसलिए मंजूरी मिलना तय माना जा रहा है। वहीं, विद्यार्थियों को भुगतान के लिए 423.66 करोड़ रुपये की मांग की गई है। प्रदेश में सामान्य अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को उनके अभिभावक की आय दो लाख रुपये सालाना तक होने पर छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना का लाभ दिया जाता है। वित्त वर्ष 2020-21 में इन वर्गों के 3 लाख 65 हजार 94 विद्यार्थी पात्र होने के बावजूद भुगतान नहीं पा सके थे। इसकी वजह बजट को कमी, बैंकों के विलय के कारण आईएफएससी कोड में बदलाव, जिला स्तर से डाटा फॉरवर्ड न होना और संस्थान व विद्यार्थियों की ओर से अपलोड किए गए अंकों में भिन्नता आदि थी।
पिछले सत्र में इन तीनों वर्गों के 19 लाख 3 हजार 195 विद्यार्थियों के खातों में राशि भेजी गई थी। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति
नियमावली के तहत सामान्य, ओबीसी व अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए यह स्कीम बजट एंडेड हैं। यानी बजट खत्म होने पर देयता अगले वित्त वर्ष के लिए स्थानांतरित नहीं हो सकती है।

समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2020-21 के छूटे पात्र विद्यार्थियों को भुगतान के लिए उच्चस्तर पर सहमति बनी है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पर, इन विद्यार्थियों को भुगतान के लिए नियमावली में संशोधन आवश्यक है।

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