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छात्रों के दोगुने बोझ से जूझ रहे जिले के शिक्षक, केंद्र ने बताया 80 हजार सरप्लस, जबकि स्थिति एकदम उलटी

केंद्र सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद में 80 हजार शिक्षकों को सरप्लस बताया है। जिले में स्थिति एक दम उलट है। यहां एक शिक्षक पर 80 से 100 छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा है। कई तो विद्यालय ऐसे है जो शिक्षा मित्रों के भरोसे चल रहे हैं। यहां स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिले में 1144 परिषदीय विद्यालय हैं। जहां 5600 शिक्षक, 1700 शिक्षामित्र व 391 अनुदेशक हैं जबकि कुल बच्चों की संख्या 1,94,000 है। वहीं, 50 विद्यालय लंबे समय से प्रधानाध्यापक विहीन हैं। प्राथमिक विद्यालय घमहापुर में प्रधानाध्यापक कालिंदी देवी मार्च 2021 में पदोन्नति का इंतजार करते-करते सेवानिवृत्त हो गईं। मच्छोदरी के मॉडल प्राइमरी स्कूल में भी यही हाल है।
शिक्षकों को लेकर जोन वार बात करें तो वरुणापार में10 ऐसे विद्यालय हैं जहां एक शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा है। जबकि चार विद्यालय शिक्षामित्र के भरोसे चल रहे हैं। इनमें प्राथमिक विद्यालय लालपुर, सिकरौल प्रथम, प्राथमिक विद्यालय भगतपुर, प्राथमिक विद्यालय मल्टीस्टोरी शिवपुर। इस जोन में कुल 3347 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। दशाश्वमेध जोन में 9 एकल और एक शिक्षक विहीन स्कूल है, जिसमें 560 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इस जोन के स्कूलों में कुल 1813 विद्यार्थी हैं। आदमपुर जोन में पांच एकल और एक शिक्षक विहीन स्कूल में 665 विद्यार्थी हैं। छित्तनपुरा प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षामित्र के जिम्मे 82 बच्चे हैं।

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