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शिक्षकों व कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही वर्तमान सरकार

मऊ। पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरोध में अटेवा के आवाह्न पर कर्मचारी संगठनों ने शुक्रवार को सरकार पर दबाव बनाने के लिए पद यात्रा निकाली। कर्मचारियों ने नगर के सोनीधापा इंटर कालेज के मैदान से पद यात्रा निकालकर आजमगढ़ मोड़ तक पहुंचे वहां से रोडवेज स्थित अलगू राय शास्त्री की प्रतिमा तक पहुंचकर समाप्त हुई।
मुख्यमंत्री को पत्रक प्रेषित कर पुरानी पेंशन बहाल करने और निजीकरण समाप्त करने की मांग की गई है। चेताया कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानती है तो वह 21 नवंबर को लखनऊ में विशाल पेंशन शंखनाद रैली करेंगे। अटेवा की पदयात्रा और पेंशन शंखनाद रैली में सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षक संगठनों से लोग शामिल रहे। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के अध्यक्ष नीरज राय ने बताया कि अटेवा लगातार पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की नौकरियों में एक अप्रैल 2005 से शिक्षकों और कर्मचारियों को दी जाने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। उसके स्थान पर नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई। जो शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में नहीं है। कहा कि सरकारी संस्थान रोजगार सृजन के माध्यम हैं। लेकिन इस संस्थानों का निजीकरण देश के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है। इनको निजी हाथों में सौंपना

उचित नहीं है। महामंत्री बिरजू सरोज ने कहा कि सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। इस मौके पर राजेश सिंह, श्याम सुंदर यादव, संतोष यादव, रामविलास चौहान, पवन गुप्ता, अमरेंद्र सिंह, अखंड सिंह, राजीव यादव, आनंद बाबू, शैलेंद्र प्रताप तथा जयराम आदि रहे।

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