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भर्ती परीक्षाओं में बदलाव पर प्रतियोगी लामबंद, यह है प्रतियोगियों की मांग

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पीसीएस सहित समस्त भर्ती परीक्षाओं में पुरानी व्यवस्था लागू कराने के लिए प्रतियोगी छात्र लामबंद हो रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर ‘प्रतियोगियों के विरुद्ध बदलाव-नहीं करेंगे स्वीकार’ की मुहिम चलाई जा रही है। इस कवायद के पीछे प्रतियोगियों को एक मंच पर लाना है। प्रदेश के हर जिला के प्रतियोगियों को एकजुट करके आयोग की नीति के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ने की तैयारी है। पीसीएस-2021 प्रारंभिक परीक्षा 24 अक्टूबर को है। इस परीक्षा के बाद नवंबर के प्रथम सप्ताह में प्रतियोगी एकजुट होकर आवाज बुलंद करेंेगे। पीसीएस सहित प्रमुख परीक्षाओं का पैटर्न बदलने, स्केलिंग-माडरेशन की प्रक्रिया स्पष्ट करने, हर परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की मार्कशीट सार्वजनिक करने की मांग प्रतियोगी लंबे समय से कर रहे हैं। आयोग ने उनके किसी भी मांग को गंभीरता से नहीं लिया। प्रतियोगी मोहन का कहना है कि आयोग की कार्यप्रणाली शीघ्र न बदली गई तो अध्यक्ष के खिलाफ आर-पार की लड़ाई छेड़ी जाएगी।
l पीसीएस में हिंदी व अंग्रेजी कापियों का मूल्यांकन संबंधित विषय के विशेषज्ञ से कराया जाय। l मध्य प्रदेश की तर्ज पर यूपीपीएससी सिर्फ यूपी के प्रतियोगियों की भर्ती करे। अगर दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों को शामिल करना है तो उनके लिए पांच % का कोटा निर्धारित हो। l पीसीएस मुख्य परीक्षा के लिए पुन: 18 गुना व इंटरव्यू के लिए पद के सापेक्ष तीन गुना अभ्यर्थी पास किए जाएं। l भर्ती परीक्षाओं में 20 प्रतिशत महिला आरक्षण सिर्फ उत्तर प्रदेश की महिलाओं को मिले।

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