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सात माह बीता, बच्चों को नहीं मिला यूनिफार्म:- पॉलिथीन और फटे पुराने बैग में किताबें लेकर स्कूल पहुंच रहे नौनिहाल

ज्ञानपुर। नया शिक्षा सत्र शुरू हुए सात माह गुजर गए, लेकिन अभी तक परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले एक लाख 84 हजार बच्चों को न ही यूनिफॉर्म मिला है और न ही बैग

यूनिफॉर्म न होने से गरीब बच्चों को एक ही कपड़े रोज पहनकर स्कूल जाना मजबूरी हो गई है। बैग न होने की वजह से बच्चे पॉलिथीन और पुराने फटे बैगों में ही किताबें लेकर स्कूल जा रहे हैं।

कोरोना संक्रमण काल के कारण सरकार ने नई व्यवस्था प्रभावी की है। जिसमें 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय के कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों या उनके माता पिता के खाते में प्रति बच्चे के हिसाब से 1,056 रुपये भेजे जाने हैं। जिससे बच्चों के लिये दो सेट ड्रेस, स्वेटर, बैग, जूता और मोजा खरीदे जाने हैं।

जिले में इसका लाभ परिषदीय एवं सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले एक लाख 84 हजार बच्चों को मिलना है। अभी तक एक लाख 42 हजार 376 बच्चों की डीबीटी की जा रही है। नवीन सत्र के सात माह गुजरने के बाद भी अभी तक बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी नहीं हो सकी है। ऐसे में बच्चे पुरानी ड्रेस एवं अन्य कपड़े पहनकर स्कूल जा रहे हैं। बैग न होने की वजह से भी बच्चों को परेशानी हो रही है।

सर्दी का मौसम भी आ चुका है ऐसे में स्वेटर, जूता, मोजा की भी जरूरत है, लेकिन अभी तक अफसर स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि कब तक बच्चों एवं उनके अभिभावकों के खाते में रकम पहुंचेगी, जिससे वह ड्रेस, बैग एवं जूता, मोजा, स्वेटर खरीद सकें।

1.42 लाख बच्चों और अभिभावकों की डीबीटी होनी है। सत्यापन कार्य अंतिम चरण में है। जल्द ही सत्यापित डेटा मुख्यालय भेजा जाएगा। डीबीटी मुख्यालय से होगी। अभिभावक के खाते में पैसा आने के बाद वह स्वयं यूनिफार्म, बैग, स्वेटर, जूता आदि की खरीदारी कर सकेंगे। भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए

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