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DBT माध्यम से धन भेजने की प्रक्रिया से दूर 24163 स्कूल

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं को इस बार यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग व जूता-मोजा के लिए खाते में धन भेजा जाना है। शासन के निर्देश पर सभी विद्यालयों में डेटा दर्ज करके परीक्षण किया जाना है। प्रदेश में 24163 ऐसे विद्यालय हैं, जिन्होंने यह प्रक्रिया शुरू तक नहीं की है। शिक्षा निदेशक बेसिक ने समीक्षा के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिखा है कि कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं है
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अभी तक बेसिक विभाग विभाग संबंधित एजेंसियों से खरीदकर निशुल्क वितरित कराता रहा है। लगभग हर बार यूनीफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा व बैग की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। इससे बचने के लिए विभाग ने चारों की रकम अभिभावकों के खाते में भेजने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने बच्चों व अभिभावकों का आधार सत्यापन व बैंक खाता आदि हासिल किया। विभाग ने इसके लिए एप भी जारी किया है, उस पर अभिभावकों से संबंधित सूचनाएं भरकर उनका परीक्षण भी किया जा रहा है।

विभाग नियमित अंतराल पर इस कार्य की समीक्षा भी कर रहा है। इसमें सामने आया कि 24163 विद्यालयों ने अब तक एक भी डेटा दर्ज नहीं किया है, यानी इन स्कूलों में कार्य शुरू ही नहीं हो सका है।

लाभ पाने वाले बच्चों की कुल संख्या एक करोड़ 82 लाख 41 हजार 26 है। उनमें से शिक्षकों ने 96 लाख 66 हजार 714 का सत्यापन कर लिया है। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारियों ने महज 30 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का सत्यापन किया है और 66 लाख 59 हजार 165 का सत्यापन किया जाना शेष है। शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है। लिखा है कि यह कार्य समय पर पूरा कराना है। निर्देश दिया है कि वे नियमित जिलों की समीक्षा करें, जिन जिलों में प्रगति धीमी है, वहां जाकर बीएसए व खंड शिक्षाधिकारी के साथ बैठक करें।

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