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मिड डे मील पर महंगाई की मार: टमाटर की महंगाई से इस साल राहत नहीं

दिल्ली सहित कई शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 75 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर पहुंच गई हैं और जनवरी से पहले इसमें राहत की उम्मीद नहीं दिख रही। वहीं, सरकार ने दावा किया है कि दिसंबर में नई फसल आने के बाद टमाटर के खुदरा दाम 30% तक नीचे आएंगे।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को दावा किया कि इस साल टमाटर में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जनवरी से नई फसल आने के बाद ही दाम गिरेंगे, लेकिन प्याज के भाव अगले 10-15 दिन में नीचे आ सकते हैं। क्रिसिल के अनुसार, टमाटर उत्पादक राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश की अधिकता से फसलें खराब हो गईं। इससे सितंबर के बाद कीमतों में 142% उछाल आया। प्याज भी सितंबर से 65% महंगा हो चुका है, लेकिन हरियाणा से नई फसल आने के बाद 10-15 दिन में इसके भाव नीचे आएंगे। यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार और गुजरात में बारिश से आलू की फसलों पर भी असर पड़ा और दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं। इस बीच शुक्रवार को उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा, नवंबर में टमाटर की आवक 19.62 लाख टन रही, जो पिछले साल से 1.7 लाख टन कम है। इससे मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा और कीमतों पर दबाव भी बना। कई राज्यों में खुदरा कीमत 60 रुपये से ऊपर पहुंच गई, लेकिन दिसंबर से इसमें नरमी की संभावना है।

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