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स्कूल में छात्रा से दुष्कर्म, अभिभावकों की सजगता से गिरफ्त में आया आरोपी

वाराणसी में कक्षा तीन की छात्रा के साथ लहरतारा स्थित निजी स्कूल में हुई दुष्कर्म की घटना से साफ है कि स्कूलों में सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाने की जरुरत है। स्कूल परिसर में सैकड़ों छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की मौजूदगी के बाद आरोपी का दुस्साहस उसके सामाजिक विकार को जाहिर करता है। हालांकि इस घटना के बाद छात्रा के परिजनों की सजगता ने जरूर हिम्मत का काम किया है।
यही कारण है कि स्कूल प्रबंधन से शिकायत के बाद उनके लापरवाह रवैये पर अभिभावकों ने हंगामा किया। पुलिस की मदद से पूरी घटना का वीडियो फुटेज भी लिया। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि सफाईकर्मी की इस घिनौनी करतूत के बाद छात्रा की हालत पर स्कूल में किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? और अगर शिक्षकों या प्रबंधन ने इसे देखा तो नजरअंदाज क्यों किया?

पुलिस के अनुसार, छात्रा घर गई तो उसकी हालत देखकर मां ने उससे पूछा तो उसने पूरी आपबीती सुनाई। उसके साथ हुई दरिंदगी सुनकर परिजन सहम गए और बच्ची को लेकर स्कूल पहुंचे। पहले तो करीब दो घंटे तक स्कूल प्रबंधन के लोग परिजनों से झिकझिक करते रहे। इसके बाद बच्ची के घर के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद प्रबंधन बैकफुट पर आया और आरोपी की पहचान कराते हुए गिरफ्तारी में भी सहयोग दिया।
फोरेंसिक टीम ने संकलन किए साक्ष्य
एसीपी चेतगंज अनिरुद्ध कुमार और फोरेंसिक टीम ने वाशरूम और क्लास रूम आदि परिसर की छानबीन की। वाशरूम से फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलन किए। स्कूल परिसर में शाम के समय पुलिस की फोर्स और अन्य कर्मियों को देख आसपास लोगों की गेट के पास भारी भीड़ जमा हो गई। कई लोगों को जब जानकारी हुई बच्ची के संग दुष्कर्म की घटना घटित हुई तो आक्रोशित हो उठे।

मौके पर मौजूद सिगरा पुलिस ने किसी तरह अभिभावकों और लोगों को शांत कराया। सिगरा पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी के बारे में पुलिस और जानकारियां जुटा रही हैं। उसके पहले के इतिहास को भी पुलिस खंगाल रही है। आरोपी अजय कुमार उर्फ सिंकू को पुलिस शनिवार को न्यायालय में पेश करेगी।

अभिभावक भी सजग रहे
छात्र-छात्राओं की सुरक्षा विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और लापरवाही पर प्रशासन कठोर कार्रवाई करें। विद्यालयों में ही अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावक भी सजग रहे। -विवेक शंकर तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन
अभिभावकों को अपने बच्चों के बारे में फिक्रमंद रहने की जरूरत

children - फोटो : pexel
जागरूक अभिभावकों को अपने बच्चों के बारे में फिक्रमंद रहने की जरूरत है। उन्हें गुड और बैठ टच के बारे में जागरूक करें। अभिभावकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि स्कूल या कोचिंग संस्थान से बच्चे लौटे तो उनसे जरूर बातचीत करें। दिन भर की गतिविधियों के बारे में भी फीडबैक लेते रहे। इस घटना में हर पहलुओं की जांच कराई जा रही है। स्कूल में सुरक्षा के बाबत सभी बिंदुओं को देखा जा रहा है।-सुभाषचंद्र दुबे, अपर पुलिस आयुक्त अपराध व मुख्यालय
सामाजिक कुंठा को दर्शाती है घटना
इस तरह की घटना सामाजिक कुंठा को दर्शाती है। यह स्कूल की भी जिम्मेदारी है कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बने। इसके लिए स्कूल में पारिवारिक माहौल बहुत जरूरी है, जहां शिक्षक और शिक्षिकाओं से छात्र-छात्रा अपनी किसी बात में हिचक नहीं रखें। कक्षा तीन की छात्रा के साथ हुई इस घिनौनी हरकत के मामले में स्कूल की संवादहीनता साफ दिख रही है।

यही कारण है कि उस बच्ची ने वहां किसी को कुछ भी नहीं बताया। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर संजीदा रहें और उन्हें हमेशा गलत काम का बेहिचक विरोध करने के लिए प्रेरित करें। स्कूल भी अपनी जिम्मेदारी समझें और परिसर में मौजूद बच्चों की सामाजिक सुरक्षा के लिए मुस्तैद बनें। -डॉ. मनोज कुमार वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज शास्त्र विभाग, बीएचयू

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