👇Primary Ka Master Latest Updates👇

मुख्य सचिव का फरमान भी नहीं करा पाया लेखपालों की पदोन्नति, राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए तीन हजार से ज्यादा पद रिक्त

लखनऊ। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से लंबित पदोन्‍नतियां निपटाने की तय समयसीमा बीत गई, लेकिन लेखपालों की पदोन्नति नहीं हो सकी। लेखपाल संघ ने चार चयन वर्ष से लंबित पदोन्‍नति की कार्यवाही तत्काल करने की मांग की है। मुख्य सचिव ने पिछले महीने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि चयन वर्ष 2021-22 तक की पदोन्नति की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराएं। उन्होंने रिक्तियों की नियमानुसार गणना कर पदोन्नति का काम 31 अक्तूबर तक पूरा करने का आदेश दिया था। लेखपालों की राजस्व निरीक्षक पद पर चयन
वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 व 2021-22 की पदोन्‍नतियां लंबित हैं। स्थिति ये है कि चयन वर्ष 2020-21 तक राजस्व निरीक्षक के करीब 2500 पद रिक्त हैं। मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार चयन वर्ष 2021-22 तक पदोन्नति की कार्यवाही हुई तो करीब 590 राजस्व निरीक्षक नायब तहसीलदार बन जाएंगे। ऐसे में राजस्व निरीक्षकों के रिक्त पदों की संख्या बढ़कर 3190 हो जाएगी। लेखपाल संघ के महामंत्री ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने राजस्व परिषद के चेयरमैन मुकुल सिंघल को पत्र लिखकर राजस्व निरीक्षक के चयन वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक रिक्त सभी पद्दों पर राजस्व लेखपालों की पदोन्‍नति कराने का आग्रह किया है। उन्होंने पदोन्नति की कार्यवाही 30 नवंबर से पहले कराने की मांग को हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि राजस्व प्रशासन में राजस्व निरीक्षकों के पद रिक्त होने से जनसमस्याओं के गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण व शासन की योजनाओं के क्रियान्बयन पर असर पड़ रहा है। कम संख्या में कार्यरत कार्मिकों को अतिरिक्त कार्य करना पड़ रहा है, जिससे तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलें बढ़ रही हैं। दूसरा, करीब 95 फीसदी लेखपाल बिना पदोन्‍नति पूरी सेवा मूल पद पर बिताकर सेवानिवृत्त होने को मजबूर हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,