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खाते में नहीं पहुंचे पैसे, कैसे खरीदेंगे जूते और स्वेटर

ज्ञानपुर: तकनीकी खामियों के कारण जिले के पांच हजार से अधिक अभिभावकों के खाते में यूनिफार्म, बैग, जूता, मोजा और स्वेटर की रकम नहीं पहुंच सकी। जिससे ठंड शुरू होने के बाद भी छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग ने सभी ब्लॉकों से ऐसे अभिभावकों की रिपोर्ट मांगी गई है।

कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार दो जोड़ी ड्रेस, एक स्वेटर, एक जूता, दो जोड़ी मोजा और एक बैग प्रदान करती है। अब तक यह राशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी जाती थी, जिससे वह थोक में पूरा सामान खरीदकर बच्चों को वितरित करते थे। इस वर्ष से सरकार सीधे बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में यह राशि भेज रही है। ऐसे सभी अभिभावकों का बैंक खाता नंबर विद्यालयों ने एकत्र कर बेसिक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया। जिले के कुल 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में पंजीकृत एक लाख 85 हजार बच्चों में एक लाख 42 हजार की डीबीटी पांच नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। विभाग का दावा है कि सभी के खाते में 1100-1100रुपये की रकम भेजी गई, लेकिन धरातल पर बड़ी संख्या में ऐसे अभिभावक हैं जिनके खाते में अब तक पैसा नहीं पहुंच सका। जिससे वह ब्लॉक संसाधन केंद्र से लेकर बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। विभाग के एक कर्मचारी की माने तो आधार लिंक न होने और महीनों से खाते में लेनदेन न होने से बड़ी संख्या में अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं पहुंच सकी है।

जिन बच्चों का डाटा रिजेक्ट हुआ है, उन्हें
घबराने की आवश्यकता नहीं है। वह अभिभावक अपना बैंक खाता आधार कार्ड से से रिपोर्ट मांगी गई है। उन्हें भी शीघ्र ड्रेस सहित अन्य सामानों के खरीदने के लिंक करा लें। जिन खातों से लेनदेन नहीं हो सका है उसे सक्रिय कराएं। इसको लेकर सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों लिए राशि पहुंच जाएगी। अनुमान के मुताबिक पांच हजार से ज्यादा ऐसे बच्चे होंगे। भूपेंद्र नारायण सिंह,
बीएसए भदोही

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