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कई शिक्षक प्रकृति मित्र अभियान चलाकर स्कूलों पढ़ा रहे हरियाली का पाठ

औैरैया। जिले के परिषदीय स्कूलों के कई शिक्षक प्रकृति मित्र अभियान चलाकर स्कूलों को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके लिए प्रदेश स्तर पर स्वैछिक शिक्षकों के समूह की ओर से मिशन शिक्षण संवाद का संचालन किया जा रहा है। जिसमें बेहतर कार्य करने वालों को कार्बन न्यूट्रल का प्रमाणपत्र भी दिया जा रहा है। इस मुहिम में जिले के काफी शिक्षक जुड़ चुके हैं और अभी तक करीब 38 स्कूलों को कार्बन न्यूट्रल का प्रमाणपत्र भी जारी किया गया है। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो अभियान से जुड़कर अपने स्कूल परिसर को गुलजार बनाने में काफी हद तक सफल हैं।
स्कूल में बढ़ने वाले बच्चों को स्वच्छ वातावरण और भरपूर ऑक्सीजन मिले। इसके लिए जिले के शिक्षक प्रकृति मित्र अभियान चला रहे हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों को कार्बनडाई आक्साइड से मुक्त रखना है। इसलिए इसे कार्बन न्यूट्रल नाम भी दिया है। इस अभियान को सफल बनाने और स्कूल के वातावरण को शुद्ध रखने के लिए शिक्षकों को मिशन शिक्षण संवाद ग्रुप से तमाम सीख दी जा रही है। ग्रुप पूरे प्रदेश में शिक्षकों को जागरूक कर रहा है। परिषदीय स्कूलों के फोटो व वीडियो को ट्विटर व फेसबुक के माध्यम से शिक्षकों व शासन तक पहुंचाने का भी काम किया जा रहा है।

जिस पर 38 स्कूलों के भेजे गए वीडियो और फोटो के आधार पर मिशन शिक्षण संवाद समूह की ओर से कार्बन न्यूट्रल घोषित कर प्रमाणपत्र भी दिए हैं। अब तक प्रदेश भर में इस प्रयास से जुड़े शिक्षकों की ओर से भेजे गए 262 स्कूलों को कार्बन न्यूट्रल स्कूल घोषित किया जा चुका है।

बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है मुहिम

प्रकृति मित्र अभियान चला रहे हेड शिक्षक ज्ञान प्रकाश ने बताया कि ऑक्सीजन की अहमियत को सबने देख लिया है। बच्चे ज्यादातर समय स्कूल में ही व्यतीत करते हैं। ऐसे में उनको स्वच्छ वातावरण मिलना बहुत जरूरी है। जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों ने मेहनत कर पर्यावरण को साफ सुथरा बनाया है। लोगों को प्रेरणा मिले इस वजह से पांच जून से 15 अगस्त के बीच पौधरोपण कर उन्हें सुरक्षित रखने का संकल्प ले लाल फीता बांधकर प्रकृति मित्र अभियान चला था। उस वक्त प्रदेश स्तर पर करीब 600 और जिला औरैया में 80 लोगों को प्रकृति मित्र प्रमाणपत्र दिए गए थे। अब कार्बन न्यूट्रल स्कूल मुहिम चलाई जा रही है। शिक्षक भी इससे जुड़ रहे हैं।

स्वैछिक समूह बनाकर योग करने का प्रयास

जिले स्तर पर मिशन शिक्षण समूह से जुड़कर तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें स्वैच्छिक समूह बनाकर बच्चों को योग कराने की मुहिम भी चालू की गई है। कई शिक्षक स्वैछिक रुप से मिशन शिक्षण समूह में जुड़े हैं। प्रदेश स्तर पर भी इस समूह से कई शिक्षक जुड़े हैं जो कि नवाचारों के लिए अपना प्रादेशिक सम्मेलन भी करते हैं।

ये स्कूल हुए कार्बन न्यूट्रल घोषित

जिले के कार्बन न्यूट्रल स्कूल में शामिल नल्हूपुर अछल्दा, मुड़ैना छदामीलाल सहार, कछपुरा अछल्दा, बरीपुर माफी औरैया, बरक पुरवा बिधूना, इमलिया ऐरवाकटरा, दलेलनगर अजीतमल, कनौती भाग्यनगर, मल्हौसी बिधूना, पुरवा फकीरे सहार, रामपुर बैराही, सल्हापुर, गोहना, ज्ञानपुर प्रतापसिंह अजीतमल, महाराजपुर अजीतम समेत 38 स्कूल हैं।

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