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UPTET 2021 : एसटीएफ के रडार पर 20 अभियुक्त, वांछित अभियुक्तों में 11 सॉल्वर, परीक्षा पास कराने के लिए बिहार से बुलाए जाते हैं

लखनऊ। एसटीएफ की अलग अलग टीमें उन 20 लोगों की भी तलाश कर रही है जिनके नाम रविवार को हुई गिरफ्तारी में सामने में आए थे। 20 वांछित अभियुक्तों में 11 सॉल्वर हैं। सूत्रों के अनुसार अयोध्या से गिरफ्तार संदीप, रमेश और महेश के मुताबिक आधा दर्जन लोगों से संपर्क कर पैसे लेकर सॉल्वर की व्यवस्था की गई थी। इसमें अयोध्या के आरबी एकेडमी इंटर कॉलेज में अभ्यर्थी रंजीत के स्थान पर अमन सिंह बतौर सॉल्वर परीक्षा में बैठा था आशा बक्स भगवान सिंह महाविद्यालय दर्शन नगर में अंकित कुमार की जगह धर्मदास, राम सेवक इंटर कॉलेज में अनूप की जगह संतोष कुमार और ग्रामर इंटर कॉलेज लालबाग अयोध्या में प्रबल सिंह चौहान के स्थान पर अजीत वर्मा बैठा था।



दूसरी पाली में बृजेश कुमार सिंह की जगह विजेंद्र कन्नौजिया और सौरभ सिंह के स्थान पर त्रिवेंद्र सिंह को परीक्षा देनी थी। एसटीएफ पहुंचती इससे पहले ही परीक्षा स्थगित हो गई। पूछताछ में पता चला कि अयोध्या से गिरफ्तार रमेश 26 नवंबर को उत्तराखंड में हुई टीईटी में पप्पू आर्या के स्थान पर बैठा था। गिरफ्तार संदीप शिवपाल को जगह परीक्षा देने गया, जबकि रमेश उमानंद के स्थान पर बैठा था। वहीं, प्रयागराज में पकड़े गए अजय घटनाक्रम का अहम किरदार है। यहीं से गिरफ्तार रंजय और ललित ने बताया कि वाराणसी के सोनू ने बिहार से सॉल्वर बिट्टू और ललित को बुलाया था। वहीं मेरठ में एसटीएफ ने सोमवार देर रात बड़ीत से राहुल को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ की टीम पहुंची

सचिवालय, पूछताछ
लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पेपर लौक मामले में एसटीएफ की टीम ने सचिवालय के कई कर्मचारियों से पूछताछ की है। इस गिरोह का सक्रिय सदस्य संतोष यादव है जिसकी तलास टीम लगातार कर रही है। खरगापुर का रहने वाला संतोष सचिवालय में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में संविदा पर नोकरी करता है। इसी विभाग का एक बर्खास्त कर्मचारी ही पेपर लीक गिरोह का सरगना है। जिसकी मदद से संतोष इस गिरोह से जुड़ा था कौशलेंद्र ने पूछताछ में सचिवालय से जुड़े तार का खुलासा किया था। उसके पास से खाद्य सुरक्षा एवं प्रशासन विभाग का परिचय पत्र मिला। एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक कौशलेंद्र के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई है। जिससे पता चला कि दो दिन 27 व 28 नवंबर की कौशलेंद्र व संतोष यादव के बीच कई बार बातचीत हुई।

आईएएस की परीक्षा में फेल हुआ तो बन गया ठग.. एसटीएफ की गिरफ्त में आया कौशलेंद्र राय का सपना आईएएस बनने का था। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया, असफल हो गया। यह बात एसटीएफ से पूछताछ में कौशलेंद्र ने बताई जब वह प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल हो गया तो परीक्षा पास कराने वाले गिरोह का सदस्य बन गया।

सौदा कर एजेंट तक पहुंची एसटीएफ

लखनऊ। एसटीएफ ने लखनऊ में पर्चा लीक करने वाले गिरोह को दबोचने के लिए एक एजेंट के जरिए प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी का सौदा किया। इसके लिए एसटीएफ में तैनात एक दरोगा टीईटी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी का अभिभावक बना। इसके बाद उसने एजेंट के जरिए मुंशी पुलिया के पास कार सवार गिरोह के सक्रिय सदस्यों के पास पहुंचा। वहाँ पहुंचने के बाद पेपर खरीदने के लिए रुपये की बातचीत कर रहा था। पुष्टि होने के बाद चारों को दबोच लिया। पकड़े गये आरोपियों में कौशलेंद्र राम, अनुराग देश भरतार, चंद्र वर्मा व फौजदार उर्फ विकास वर्मा शामिल है।

निक्की शर्मा ने दिया था पेपर

लखनऊ। आरोपियों ने एसटीएफ केसामने कुबूल किया कि उनको निक्की शर्मा नाम के व्यक्ति ने मोबाइल के जरिए प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था। दो सेट हस्त लिखित प्रश्नोत्तर मिला। जिस पर 'बाल विकास एवं शिक्षा विधि' अंकित है। 6 पन्नों के प्रश्नपत्र में 1 से 150 प्रश्न व उसके सामने उत्तरी सीट में उत्तर भी अंकित थे। प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने वाला निक्की शर्मा महरा विद्यायल में शिक्षा मित्र है। उसने मोबाइल नंबर 9795092155 से प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया। इस पेपर को

चारों ने हरदोई के मयूर वर्मा के मोबाइल नंबर 9415805721 और जानकीपुरम सेवा अस्पताल की रहने वाली काजल के मोबाइल 6306574376 पर भेजा है। इसके अलावा सात अन्य लोगों को भी पेपर बेचे है उनके पास मिले प्रश्न पत्र को व्हाट्सएप पर मगाने के बाद प्रिंट निकाला गया। इसके बाद उसकी छाया प्रति तैयार की गई। जिसके कारण पेपर धुंधला आ रहा था.

टीईटी पेपर कैसे बाहर आया, सुराग तलाश रही एसटीएफ

एसटीएफ यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पेपर बाहर कैसे आया? पहले किसके पास पहुंचा कितने में सौदा हुआ और कौन कौन जिम्मेदार हैं। अभी तक जो पकड़े गए हैं, उनके पास पेपर कहां से आया ? दूसरे दिन भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।

अलग-अलग गैंग से जुड़े हैं गिरफ्तार अभियुक्त

एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक गिरफ्तार अभियुक्त अलग-अलग गैंग से जुड़े हैं। इसमें से अधिकतर नए गैंग के सदस्य हैं जो बिहार से सॉल्वर लाकर दूसरे के स्थान पर बैठाते हैं। प्रयागराज से गिरफ्तार गिरोह का संचालन राजेंद्र कुमार पटेल, नीरज शुक्ला और चतुर्भुज सिंह करते हैं। यह पैसा लेकर पास कराने, पेपर आउट कराने और सात्वर बैठाने का काम करते हैं। केंद्रों पर भी सेटिंग करते हैं। परीक्षा के हिसाब से रेट तय है। इसमें सॉथर, पेपर आउट कराना, फोटो मिक्सिंग कर फर्ज आधार कार्ड बनवाना और फर्जी आईकार्ड तैयार करना शामिल हैं।

लखनऊ का संतोष मुख्य सूत्रधार तो नहीं....

कौशाली से गिरफ्तार रौशन सिंह पटेल ने एसटीएफ को बताया कि उसने लखनऊ में प्रभात के जरिए संतोष कुमार से पांच लाख रुपये में पेपर खरीदा था रोशन ने बताया कि वह प्रति अध्ययी 80 हजार रुपये लेता इसमें से 50 हजार प्रति अभ्यर्थी संतोष कुमार को दिया जाना था। एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि लखनऊ से गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि पहली पाली का एक पेपर सेट किसी माध्यम से चार लाख रुपये में खरीदा था। जिसकी सात प्रति बनाई गई थी। इन पेपर को परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को 30 से 40 हजार रुपये में बेचा जाना था। गिरोह के लोगों ने लगभग 50 ग्राहक भी सेट कर लिए थे। एसटीएफ इसकी जांच कर रही है कि लखनऊ के गिरोह को संतोष ने ही तो पेपर महैया नहीं कराए थे? सवाल है कि आखिर संतोष के पास पेपर कैसे पहुंचछ ? कहीं संतोष हो तो सूत्रधार नहीं है?

लखनऊ। यूपीटेट के पेपर लीक मामले में सोमवार को सपा युवजन सभा, लोहिया वाहिनी यूथ ब्रिगेड और छात्र सभा के जिला एवं महानगर इकाई के पदाधिकारियों ने प्रत्येक जिले में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपे। वहीं राजधानी में भी समाजवादी युवा फ्रंटल की कमेटियों ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में नौजवानों के भविष्य को देखते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया। नगर अध्यक्ष अजय यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार में नौजवानों के हितों के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है।

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