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बेसिक स्कूलों की 25 हजार बेटियां नहीं पीतीं हैं ‘पानी’ (25 thousand daughters of basic schools do not drink 'water')

 गोंडा। जिले के 985 बेसिक स्कूलों में शौचालय की कमी पढ़ाई करने वाले बच्चों से लेकर शिक्षक शिक्षिकाओं पर भारी पड़ रही है। इसमें 559 स्कूल ऐसे हैं जहां छात्राओं के लिए एक भी शौचालय नहीं है। इस कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाली करीब 25 हजार बेटियां डर के मारे स्कूल में पानी नहीं पीती। उनका कहना है कि पानी पीने के बाद टायलेट लगने पर काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इसी कारण शौचालय न होने से स्कूल के समय में वह पानी ही नहीं पीतीं ताकि उन्हें शौचालय न जाना पड़े। निदेशालय स्तर से शौचालय विहीन स्कूलों की सूची जारी कर बीएसए को निर्देशित किया गया है कि कायाकल्प योजना के माध्यम से ऐसे स्कूलों में शौचालय का निर्माण प्राथमिकता पर पूरा कराया जाए।



बेसिक शिक्षा के स्कूलों को संवारने के लिए साल 2019 से आपरेशन कायाकल्प का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत 47 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर स्कूलों की सूरत बदलने का प्रयास हुआ। इसके लिए कई स्तर पर परीक्षण की भी व्यवस्था की गई। इसके बाद भी अभी 985 स्कूल अभी तक शौचालय विहीन हैं। इनमें 559 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जहां बालिकाओं के लिए एक भी शौचालय का प्रबंध नहीं है। ऐसे में वहां पढ़ने जाने वाली बेटियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे ही एक स्कूल में पढ़ने वाली प्राइमरी की छात्रा का कहना है शौचालय न होने से हम लोग दिन भर पानी नहीं पीते हैं। हमारी तरह ही पढ़ाने के लिए आने वाली शिक्षिकाओं को भी शौचालय न होने से काफी दिक्कत उठानी पड़ती है। बेसिक शिक्षा निदेशक की तरफ से बीएसए को भेजे निर्देश में साफ किया गया है कि परिषदीय स्कूलों में अनिवार्य रूप से बालक और बालिकाओं के शौचालय का निर्माण कराया जाना है। जिन स्कूलों में शौचालय नहीं है, वहां पर अभियान चलाकर शौचालय का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए।

616 स्कूलों में बालकों के लिए भी शौचालय नहीं
बेसिक स्कूलों में बालिकाओं के साथ ही बालकों के लिए भी शौचालय की कमी है। जिले को भेजी सूची में 616 स्कूलों में बालकों के लिए भी शौचालय नहीं है। इससे बालकों को भी दिक्कत होती है। शौचालय न होने से बालकों के बाहर जाने से शिक्षकों को भी परेशानी होती है। बताया जा रहा है कि कई स्कूलों में बाहर जाने के बहाने बच्चे खेलने चले जाते हैं, बाद में शिक्षकों को खोजकर लाना पड़ता है। ऐसे में पठन पाठन का माहौल भी खराब होता है।
मतदान केंद्र बनने वाले 142 स्कूल भी शौचालय विहीन
जिले के 142 स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर विस चुनाव के लिए मतदान होने हैं। मतदान दिवस 27 फरवरी को है और 26 फरवरी को ही पोलिंग पार्टियां पहुंचेंगी। ऐसे में उन्हें पूरी सुविधा भी मुहैय्या कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं। चिन्हित किए गए 142 स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए कार्रवाई भी हो रही है। हालांकि विभागीय अफसरों का दावा है कि मतदान तिथि से पहले तक इन विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा।
स्कूलों में शौचालय निर्माण कराने के लिए पंचायतों से समन्वय स्थापित कर कार्य कराने का प्रयास किया जा रहा है। शौचालयों के स्थिति की रिपोर्ट भी बीईओ से मांगी गई है।
राम प्रताप सिंह, बीएसए

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