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खंड शिक्षा अधिकारी की शिथिलता से लटका नौनिहालों के ड्रेस का बजट (The budget of the dress of the newbies hanging from the laxity of the Block Education Officer)

 परिषदीय बच्चों के स्वेटर, बैग, ड्रेस का रुपया सीधे अभिभावकों के खाते में भेजने के लिए शासन से लागू डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना अभी तक नाकाम साबित हुई है। डेढ़ माह बाद नए शैक्षिक सत्र के शुरू होने व सर्दी के खत्म होने के बाद भी आलम यह है कि अभी तक तमाम ब्लाकों के नौनिहाल इस लाभ से वंचित है। जिस पर प्रभारी बीएसए ने सख्त रवैया अपनाते हुए आधा दर्जन बीईओ से स्पष्टीकरण तलब किया है।



शुक्रवार को प्रभारी बीएसए अजीत निगम ने औरास, मियांगज, हसनगंज, बिछिया, सिकंदरपुर कर्ण, नवाबगंज के खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस जारी करके 14 फरवरी तक स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए है। जारी पत्र में उन्होंने कहा कि नि:शुल्क यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा की खरीद के लिए डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में धनराशि हस्तान्तरित करने के लिए सितंबर 2021 में पक्रिया शुरू की गई थी। जिसमें तीन चरणों के लिए धनराशि का हस्तानान्तरण अभी खाते में कर दिया गया है। अब अंतिम चरण के लिए प्रक्रिया गतिमान है। कहाकि डीबीटी के कार्य को 10 फरवरी तक शत-प्रतिशत पूरा कराने का निर्देश दिया गया था लेकिन इसके बावजूद इन ब्लाकों में लंबित छात्रों का आकड़ा अधिक है। कहाकि इस धीमी गति से यह जाहिर होता है कि योजना के क्रियान्वयन में बीईओ रूचि नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण धनराशि को स्थानान्तरित करने में काफी विलंब हो रहा है। प्रभारी बीएसए ने कहा कि अपने ब्लाक के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से नियमित रुप से अनुश्रवण कराके उसकी समीक्षा करते हुए दो दिन में शत प्रतिशत काम को पूरा कराने पर जोर दे।

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