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UP BOARD: प्रायोगिक परीक्षा दे चुके, फिर भी अनुपस्थित, यूपी बोर्ड के पोर्टल पर फीडिंग में गड़बड़ी होने से परीक्षक उलझे

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के पोर्टल पर इंटरमीडिएट की छूटी प्रायोगिक परीक्षा के परीक्षार्थियों के डाटा में गड़बड़ी सामने आई है। परीक्षा कराने के लिए परीक्षकों को विद्यालवार ड्यूटी मिली तो वह यह जानकर हैरान रह गए कि कई परीक्षार्थी पूर्व के चरण में परीक्षा दे चुके हैं, फिर भी अनुपस्थित की सूची में दर्ज हैं। इतना ही नहीं, पहले चरण की परीक्षा में अनुपस्थित परीक्षार्थी अब छूटे परीक्षार्थियों की सूची में भी नहीं है। यूपी बोर्ड ने 20 अप्रैल से चार मई के मध्य अलग-अलग मंडलों की प्रायोगिक परीक्षा दो चरणों में संपन्न कराई। इसमें 1,03,798 परीक्षार्थी किन्हीं कारणों से शामिल नहीं हुए थे, जिससे उनकी परीक्षा छूट गई।
बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने छूटे परीक्षार्थियों को एक और अवसर देने के लिए विद्यालय और विषयवार उनकी सूचना प्रधानाचार्यों के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर अपलोड कराई। पोर्टल पर परीक्षार्थियों की उपस्थिति और अनुपस्थिति की सूचना अपलोड करने में कुछ गलतियां हो गईं। परीक्षा में उपस्थित कुछ परीक्षार्थी अनुपस्थित तो परीक्षा न देने वाले कुछ परीक्षार्थी उपस्थित की सूची में दर्ज हो गए, जिससे वह छूटी परीक्षा की सूची में नहीं हैं। यह मामला शुक्रवार को तब सामने आया, जब छूटी परीक्षा 17 से 20 मई के बीच कराने के लिए परीक्षकों को ड्यूटी मिली और उन्होंने विद्यालयों से संपर्क कर परीक्षा की तिथि निश्चित करनी चाही। फतेहपुर जिले में ड्यूटी पाए एक परीक्षक समस्या के समाधान के लिए प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे। बताया कि उन्होंने प्रायोगिक परीक्षा 17 मई को कराने के लिए तिथि निश्चित करने को विद्यालय के प्रधानाचार्य से मोबाइल फोन से संपर्क किया। प्रधानाचार्य से पता चला कि उनके यहां के तीन परीक्षार्थी पहले चरण में परीक्षा दे चुके हैं, लेकिन वह अनुपस्थित में दर्ज हैं। इस तरह उपस्थिति और अनुपस्थिति की गड़बड़ी के कुछ और मामले सामने आए। क्षेत्रीय सचिव विनय कुमार गिल ने इसकी लिखित जानकारी यूपी बोर्ड सचिव को देने को कहा। साथ ही व्यवस्था दी कि निर्धारित समय में तय केंद्र पर परीक्षा कराएं और परीक्षा दे चुके परीक्षार्थियों के संबंध में प्रधानाचार्य से लिखित रूप में लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक की संस्तुति के साथ यूपी बोर्ड को अनिवार्य रूप से अवगत कराएं, ताकि उपस्थिति अनुपस्थिति के आंकड़ों को दुरुस्त किया जा सके।

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