Now the council guruji will go from door to door of the children to call the school
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। नए सत्र में अधिक से अधिक एडमिशन कराने के बाद परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के सामने अब अटेंडेंस की टेंशन है। गर्मी की छुट्टियों के बाद 16 जून से स्कूल खुल चुके हैं मगर बच्चों की उपस्थिति बेहद कम है। शिक्षकों को एक बार फिर घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल बुलाने का काम सौंपा गया है। शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक गर्मी के कारण बच्चों को अभी स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।
जिले के बेसिक स्कूलों से बच्चों को जोड़ने के लिए शासन के निर्देश पर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। यहां तक कि नए आदेशों में सरकारी योजनाओं के लाभ में उन्हीं को वरीयता देने के निर्देश हैं जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हों। अप्रैल में स्कूल चलो अभियान के दौरान भी शिक्षकों ने काफी मशक्कत की और जिले में 78 हजार से ज्यादा नए बच्चों की स्कूल में भर्ती की गई।
गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल 16 जून से खुल गए हैं मगर पहले दिन जिले के स्कूलों में 20 से 30 फीसदी तक ही उपस्थिति रही। स्कूल खुलने के चार दिन बाद भी बच्चे कम आ रहे हैं। कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां बच्चों की उपस्थिति दहाई में भी नहीं पहुंच सकी है। इनके शिक्षकों को टीम बनाकर घरों तक जाकर बच्चों को स्कूल बुलाने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि शिक्षकों को स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। खासतौर पर उन बच्चों की, जिनके नए एडमिशन लिए गए हैं। इसके लिए शिक्षकों को अलग दिन अलग क्षेत्रों में जाने को कहा गया है। व्हाट्सएप ग्रुप पर गतिविधियों की तस्वीरें शेयर कर और आसपड़ोस के बच्चों के जरिए भी उन्हें प्रेरित कराने को कहा गया है।