सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें निजी स्कूलों को पांच वर्षों में चरणबद्ध आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी की खाली बची सीट को भरने के लिए कहा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देश को भी खारिज कर दिया। इसमें सामान्य श्रेणी में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या पर ध्यान दिए बिना 25 ईडब्ल्यूएस छात्रों को एंट्री लेवल (प्री-स्कूल/नर्सरी/प्री-प्राइमरी/केजी और कक्षा-1) पर घोषित स्वीकृत संख्या के आधार पर भरा जाएगा। शीर्ष कोर्ट 26 मई को उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा पारित अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार कर रहा था।
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