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यूपी में एक ही आयोग से होगी अध्यापकों की भर्ती: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन होगा, सीएम ने मांगा प्रस्ताव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षकों की समयबद्ध नियुक्ति के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए हैं कि अब बेसिक, माध्यमिक, उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्तियां एक ही आयोग से होंगी। शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निकाय के रूप में ‘उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग’ का गठन जल्द किया जाए। प्राइमरी व जूनियर स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम से होगा।


बैठक में सीएम ने नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े पांच वर्षों की अवधि में विभिन्न चयन आयोगों की कार्यप्रणाली में शासन स्तर से अनावश्यक हस्तक्षेप न होने से पारदर्शिता आई है। मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। इस बदलाव का सीधा लाभ युवाओं को मिला है।

इससे पहले भी एकीकृत चयन बोर्ड के गठन की बात होती आई है। वर्ष 2019 में इसका ड्राफ्ट तय किया गया था लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अभी प्रदेश के बेसिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षकों का चयन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के माध्यम से लिखित परीक्षा से किया जाता है। वहीं सरकारी माध्यमिक स्कूलों में लोक सेवा आयोग और एडेड स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग से किया जाता है।

आयोग में अध्यक्ष समेत होंगे 12 लोग, तीन श्रेणियों में भर्ती

उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष समेत 12 लोग होंगे। तीन श्रेणियों में शिक्षकों की भर्तियां होंगी। उच्च शिक्षा में सहायक आचार्य और महाविद्यालयों में प्राचार्यों, माध्यमिक शिक्षा में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व एलटी ग्रेड और प्राइमरी शिक्षा में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। ड्राफ्ट में संशोधन कर नया ड्राफ्ट बनाया जाना है। निगमित निकाय

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