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अब संस्कृत व्याकरण विशेषज्ञता से भी एमए, संस्कृत विभाग ने एमए में शुरू की व्याकरण की पढ़ाई

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संस्कृत से परास्नातक करने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अब वह एमए में व्याख्यकरण विशेषज्ञता की भी पढ़ाई कर सकेंगे। संस्कृत विभाग में शैक्षिक सत्र 2022-24 में एमए में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राएं व्याकरण विशेषज्ञता का चयन कर सकेंगे। विभाग में अब तक एमए में दर्शन, वेद और साहित्य में विशेषज्ञता की पढ़ाई कराई जा रही थी। नए शिक्षकों की नियुक्ति के बाद अब व्याकरण विशेषज्ञता को भी एमए में शामिल कर लिया गया है।

विभाग के कोआर्डिनेटर प्रो. प्रयाग नारायण मिश्र ने बताया कि संस्कृत एमए में तृतीय सेमेस्टर में स्पेशलाइजेशन का विकल्प मांगा जाता है। मौजूदा सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राएं एमए द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। जब यह छात्र तृतीय सेमेस्टर में जाएंगे तो दर्शन, वेद और साहित्य के साथ ही व्याकरण विशेषज्ञता का चयन कर उसकी पढ़ाई कर सकेंगे। अब विभाग में चार विषयों में स्पेशलाइजेशन होगा। विभाग में वर्तमान में कुल 21 शिक्षक हैं। इसमें प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर दो-दो और 19 असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति के बाद नया स्पेलाइजेशन शुरू किया गया है।

40 छात्र अंग्रेजी में पढ़ रहे संस्कृत

इविवि के संस्कृत विभाग में अंग्रेजी माध्यम से भी संस्कृत की पढ़ाई शुरू करा दी गई है। विश्वविद्यालय में हिंदी माध्यम से संस्कृत की पढ़ाई काफी पहले से हो रही थी, लेकिन सत्र 2022-23 से अंग्रेजी माध्यम से भी संस्कृत की पढ़ाई शुरू करा दी गई है। इसके लिए अलग से एक सेक्शन बनाया गया है, जिसमें एमए के छात्र-छात्राएं अंग्रेजी माध्यम से संस्कृत की पढ़ाई कर सकते हैं। संस्कृत विभाग में एमए के दो सेक्शन हैं और इन दोनों सेक्शन में 146 विद्यार्थी पंजीकृत हैं, जिनमें 40 से अधिक छात्र अंग्रेजी माध्यम से संस्कृत की पढ़ाई कर रहे हैं। इन छात्रों को पहले संस्कृत को हिंदी में अनुवाद करके समझाया जाता है। इसके बाद हिंदी का अंग्रेजी में अनुवाद कर समझाया जा रहा है।

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