लखनऊ। उत्तर प्रदेश के टेट,सीटेट पास युवा नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती की गुहार लगा रहे हैं लेकिन इन युवाओं की कोई सुनने वाला नहीं है बेसिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन पिछले चार साल से जारी नहीं हुआ है।उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के डेढ़ लाख से ज्यादा पद रिक्त होने के कारण अभ्यर्थियों के द्वारा
लगातार ये मांग की जा रही है कि नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी हो। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार जब 2017 में बनी थी उस समय कुल प्राथमिक विद्यालय की संख्या 113249 थी एवं उस समय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त प्राथमिक शिक्षक 399273 थे, 2017 में उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के स्वीकृत पद 5.65 लाख थे। उस समय उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 165727 पद खाली थे।2017 से लेकर अब तक कम से कम लगभग 90000 प्राथमिक शिक्षक रिटायर हो चुके हैं, 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कोई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है, 137000 शिक्षामित्रों का जो सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द हुआ था यानी वह पहले अध्यापक थे, उन्ही पदों पर सरकार दो पार्ट में भर्ती को करवा पाई है। प्रदेश में शिक्षकों का बहुत ही ज्यादा अभाव है। कई स्कूल उत्तर प्रदेश में ऐसे हैं जो शिक्षक विहीन हैं। रसोईया तक छात्रों को विद्यालय में पढ़ा रहीं हैं।प्राथमिक विद्यालयों में 1.91 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया।युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक राकेश कुमार पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय नें आरटीआई के डाटा का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली हैं। टेट सीटेट पास अभ्यर्थियों की संख्या 15 लाख के ऊपर है जो शिक्षित होते हुए बेरोजगार हैं। सरकार को जल्द से जल्द 51112 पद में कुछ और पद को जोड़कर विज्ञापन जारी करना चाहिए। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी लगाया था कि 51112 पदों पर हम शिक्षा मित्रों को मौका देते हुए भर्ती करेंगे। लेकिन अभी तक नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं आई।चुनाव से पहले सरकार ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया था कि चुनाव से पहले 17000 पदों पर नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करेंगे, वो भी जारी नहीं हुआ। सरकार केवल युवाओं के साथ छल कर रही है। सरकार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करने में विलंब कर रही है।
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