👇Primary Ka Master Latest Updates👇

परिषदीय बच्चों को टेबलेट पर मिलेगी तालीम, 70 कम्पोजिट विद्यालयों में टैब लैब विकसित

बलरामपुर।
बलरामपुर को आकांक्षी जिले के कलंक से हटाने के लिए शिक्षा महकमा निरंतर बुनियादी शिक्षा की मजबूती के लिए जुटा है। राज्य सरकार जहां अब परिषदीय बच्चों की बुनियादी शिक्षा की मजबूती पर जोर दे रही है, वहीं उन्हें हाईटेक शिक्षा से जोड़ने का काम भी शुरू कर दिया है। जिले में 70 कम्पोजिट स्कूलों के बच्चों को कंप्यूटर में निपुण बनाने के लिए टेबलेट से तालीम दी जाएगी। इसके लिए चयनित सभी विद्यालयों में वाईफाई कनेक्शन के साथ 50-50 टेबलेट एवं टैब-लैब की स्थापना की गई है। ग्रीष्मावकाश समाप्त होते ही चयनित स्कूलों के सभी बच्चों को टेबलेट पर तालीम देने का कार्य शुरू हो जाएगा।




जिले में 1816 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में करीब दो लाख 85 हजार छात्र पंजीकृत हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बलरामपुर जिला प्रदेश के नीचे से दूसरे पायदान पर है। बुनियादी शिक्षा मजबूती के साथ जिले की साक्षरता स्तर को प्रदेश में अव्वल लाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी के तहत प्रदेश में चार जिले टैब-लेब के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुने गए हैं। इन जिलों में 70 कम्पोजिट विद्यालयों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहली बार टेबलेट पर तालीम देने के लिए विकसित किया जा रहा है। ग्रीष्मावकाश होते ही जुलाई के प्रथम सप्ताह से बच्चों को इन स्कूलों में कंप्यूटर लैब में टेबलेट से पढ़ाई करने का अवसर मिलना शुरू हो जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुए चार जिले में सोनभद्र, चंदौली व फतेहपुर के साथ बलरामपुर जिला भी शामिल है। जिले में विगत दो माह से कंप्यूटर लैब के लिए लगातार कार्य जारी है। मुख्य विकास अधिकारी एवं बेसिक शिक्षाधिकारी स्कूलों में कार्य की मानिटरिंग लगातार कर रहे हैं।

नौनिहालों बनेंगे शिक्षा में निपुण

नीति आयोग के पहल पर जिले में 70 कंपोजिट स्कूलों में टैब लैब को विकसित किया गया है। प्रत्येक विद्यालय में 50-50 टेबलेट रखे गए हैं। अब चयनित स्कूलों के बच्चे इसी टेबलेट पर विषयवार शिक्षा के साथ-साथ अन्य तकनीकी सुविधाओं से सीधे जुड़ेंगे। इसके लिए चयनित स्कूलों के अध्यापकों को बेसिक शिक्षा विभाग से प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

एफएमएस पर निर्भर होगी टैब लैब की जिम्मेदारी

नीति आयोग एवं कानवी जीनियस संस्था के संयुक्त तत्वाधान में 70 कम्पोजिट विद्यालयों में टैब लैब विकसित किया गया है। इसके संचालन, रख-रखाव व तकनीकी खराबी को सही करने की जिम्मेदारी कानवी जीनियस संस्था के फ्लीट मैनेजमेंट स्टाफ एफएमएस की होगी। प्रत्येक ब्लॉक में एक एफएमएस को चार विद्यालयों की जिम्मेदारी दी गई है। यह सभी स्कूल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित हुए हैं। जिले में नौ ब्लॉक में 18 फील्ड मैनेजमेंट स्टाफ की तैनाती की गई है। इनमें श्रीदत्तगंज विकासखंड में एफएमएस के रूप में सौरभ शुक्ल को जिम्मेदारी दी गई है। इन्होंने कम्पोजिट स्कूल देवरिया मुबारकपुर एवं कमपोजिट विद्यालय धमौली में टैब लैब विकसित कर बच्चों को मार्क ड्रिल करा रहे हैं। वहीं शिक्षकों को इसके संचालन के बारीकियों से अवगत कराते हुए प्रशिक्षित भी कर रहे हैं। एफएमएस में कम्पोजिट देवरिया मुबारकपुर में प्रधानाध्यापिका अलवर, सहायक अध्यापिका परवीन हुसैन, सुबोध मिश्रा, अंकित चौधरी, सविता पांडेय, सौम्य मिश्रा, रमा शर्मा, सरफराज, मिथिलेश कुमारी व वैभव त्रिपाठी को प्रशिक्षण देकर बच्चों को टेबलेट पर पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,