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संस्कृत स्कूलों के पाठ्यक्रमों में 30 तक कटौती होगी

संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा आयोजित होगी

बैठक में यह भी तय किया गया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद प्रदेश में शीघ्र ही उत्तर प्रदेश संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा कराएगा ताकि जिले स्तर पर संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने में मदद मिल सके। इस परीक्षा में सफल 2000 प्रतियोगियों को छात्रवृति से सम्मानित करने का निर्णय किया गया।

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों के कक्षा छह से लेकर इंटरमीडिएट तक के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान एवं गणित विषय का पाठ्यक्रम भी कम किया जाएगा। जिससे संस्कृत के छात्र अपना मुख्य विषय संस्कृत को बेहतर तरीके से पढ़ सकें। पाठ्यक्रम में इसी शैक्षिक सत्र 2023-24 से संशोधन किया जाएगा। बुधवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम विशेषज्ञ समिति की बैठक में यह सब निर्णय लिए गए।

इस दौरान संस्कृत स्कूलों में इस शैक्षिक सत्र से शुरू किए जा रहे चार नए डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर भी मुहर लगाई गई। इसमें कर्मकांड, वास्तुशास्त्रत्त्, ज्योतिष और योग विज्ञान में डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। प्रत्येक कोर्स में 30-30 सीटें होंगी। यह एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स हैं। इसे शुरू करने का मकसद विद्यार्थियों को अधिक से अधिक रोजगार दिलाना है। प्रथमा से लेकर उत्तर मध्यमा द्वितीय कक्षा तक पाठ्यक्रम कम होने से बस्ते का बोझ भी कम होगा।

पाठ्यक्रम विशेषज्ञ समिति में लिए गए निर्णय पर अब अंतिम मुहर कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा। परिषद के सचिव राधा कृष्ण तिवारी ने बताया कि बैठक में पूर्व मध्यमा,मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा के हिंदी विषय में दो के बजाए एक पेपर और अनिवार्य विषय संस्कृत, संस्कृत शास्त्रत्त् व संगीत विषय में सौ अंकों का एक ही प्रश्नपत्र होगा।

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