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97 वर्ष पुराने निदेशालय को लखनऊ शिफ्ट करने की तैयारी

प्रयागराज : 1926 से प्रयागराज में स्थित स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के निदेशालय को अब लखनऊ शिफ्ट करने की तैयारी है। इस संबंध में शासन से एक सितंबर को पत्र जारी हुआ और चार सितंबर को बैठक हो चुकी है। इसकी जानकारी होने के बाद से कर्मचारियों में आक्रोश है। वह इसे प्रयागराज में ही रुकवाने के लिए जनप्रतिनिधियों से मिल रहे हैं। दरअसल इस विभाग की स्थापना आजादी से 49 वर्ष पहले महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज की एक शाखा के रूप में वर्ष 1898 में हुई थी। एक अप्रैल 1926 को महालेखाकार से अलग करते हुए राज्य सरकार के वित्त विभाग के अधीन स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग की स्थापना प्रयागराज में की गई थी। यह विभाग प्रदेश भर के सभी स्थानीय निकायों और राज्य सहायता प्राप्त संस्थाओं का आडिट करता है। हर जिले में इसके दफ्तर हैं।

एक अफसर के चलते शिफ्टिंग की शुरुआत स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग लखनऊ के उप निदेशक हैं नीरज गुप्ता ।

वह विभागीय अधिकारी संघ के अध्यक्ष भी हैं। उनके नेतृत्व में 16 जुलाई को लखनऊ में संघ की 12वीं द्विवर्षीय आमसभा हुई। आमसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को मुख्य अतिथि बनाया गया था। इस दौरान नीरज गुप्ता ने मंत्री के सामने मांग रखी कि उनका निदेशालय प्रयागराज में है, उसे लखनऊ शिफ्ट होना चाहिए। मांग पर मंत्री ने सहमति जताई। उसी क्रम में एक सितंबर को पत्र भी जारी कर दिया गया। नीरज गुप्ता ने बताया कि वित्तमंत्रालय के अधीन 12 विभाग हैं।



उसमें से स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग को छोड़कर 11 का निदेशालय लखनऊ में है। गोमती नगर सेक्टर सात में 5691 हेक्टेयर जमीन भी खरीदी गई है। विरोध में कर्मचारी संगम पैलेस स्थित इस विभाग के निदेशालय में करीब डेढ़ सौ अधिकारी कर्मचारी हैं। यहां पर विभाग का अपना भवन है। यहां पर भवन होने के बावजूद लखनऊ में जमीन खरीदी गई। मिनिस्ट्रियल संघ के अध्यक्ष अजविंदर सिंह, चतुर्थश्रेणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शकील अहमद निजामी ने बताया कि तकनीक के दौर में दूरियां मिट गई हैं.

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