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शिक्षिका की पहल, मिड्डे मील में परोसी जाती हैं जैविक सब्जियां, मिड डे मील के लिए सब्जियां खुद उगाती

शाहजहांपुर के जमुही प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका अर्चना तिवारी विद्यालय में बच्चों के लिए बनने वाले मिड डे मील के लिए सब्जियां खुद उगाती हैं.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक सरकारी स्कूल मिड-डे मील में सब्जियों की आवश्यकता को पूरा करने में आत्मनिर्भर हो गया है. इसके साथ ही मिड डे मील कार्यक्रम के हिस्से के रूप में छात्रों को पोषक तत्वों की आपूर्ति करा रहा है. इस प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका बच्चों को पढ़ाती लिखाती तो है हीं साथ ही मिड डे मील में परोसे जाने वाली सब्जियां भी विद्यालय में खुद ही उगाती हैं. सबसे खास बात यह है कि विद्यालय में उगाई गई सब्जियां पूरी तरह से जैविक है.

शाहजहांपुर के भावलखेड़ा ब्लॉक का जमुही प्राथमिक विद्यालय है, यहां पर तैनात प्रधानाध्यापिका अर्चना तिवारी ने नवाचार किया है. अर्चना तिवारी की वर्ष 2013 में इस प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के तौर पर तैनाती हुई. अर्चना का कहना है कि वर्ष 2013 में विद्यालय का भवन और व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त थीं लेकिन उन्होंने और उनके स्टाफ ने मेहनत की जिसके बाद अब विद्यालय की तस्वीर बदली हुई है.

सबसे पहले बदली भवन की तस्वीर

अर्चना तिवारी ने बताया कि 2013 में जब उनकी तैनाती हुई तो विद्यालय की दीवारें बेहद गंदी थी, जिसके बाद उन्होंने विद्यालय की दीवारों पर अपने हाथों से सुंदर पेंटिंग बनाई. अर्चना तिवारी बताती हैं कि पेंटिंग बनाने का उनको बचपन से शौक था, ऐसे में विद्यालय की दीवारों पर पेंटिंग बनाना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था.

प्राथमिकता थी कि बच्चों को मिले जैविक सब्जियां

अर्चना तिवारी ने बताया कि मिड डे मील के लिए उनको सब्जियां बाजार से खरीद कर लानी होती थी और बाजार में मिलने वाली सब्जियां रासायनिक खादों से तैयार की हुई मिलती थी. जिसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों ना बच्चों को बच्चों के लिए विद्यालय में ही जैविक सब्जियां तैयार की जाएं, इसके बाद उन्होंने विद्यालय में ही सब्जियां उगाना शुरू कर दी.

साहब जज्बा है लेकिन जगह नहीं

अर्चना तिवारी बताती है कि विद्यालय में सब्जियां उगाने के लिए जगह कम थी, ऐसे में उन्होंने बेलदार सब्जियां उगाई, जिनको विद्यालय कीछत और दीवारों पर चढ़ा दिया औरविद्यालय में उगाई गई जैविक सब्जियों को बच्चों के मिड डे मील में परोसा जाने लगा. अर्चना बताती है कि अब हमने विद्यालय में ही कई औषधीय पौधे भी लगा रखे हैं, साथ-साथ आडू, पपीता आम और नींबू के पौधे भी विद्यालय प्रांगण में लगाए हैं.

खेल का मैदान नहीं लेकिन बच्चों में खेलने की रुचि

जमुई के प्राथमिक विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है लेकिन बच्चों में खेल को लेकर काफी रुचि है, लेकिन इसके बावजूद भी विद्यालय के छोटे से प्रांगण में बच्चों को रोजाना स्पोर्ट्स एक्टिविटी कराई जाती हैं.

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