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नए शिक्षा आयोग के गठन में देरी से फंसेगी शिक्षक भर्ती

प्रयागराज। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन से संबंधित विधेयक को पारित हुए माहभर हो गए हैं, लेकिन आयोग के गठन की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की गई। यह साल बीतने में सिर्फ साढ़े तीन माह बाकी है और अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव हैं। अगर आयोग जल्द क्रियाशील नहीं हुआ तो आगामी शिक्षक भर्तियों में चुनाव आचार संहिता का अड़ंगा लग सकता है।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) / प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में शुरू हो चुकी है। नए आयोग के गठन के इंतजार में यह भर्ती फंसी हुई है। भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए आचार संहिता का इस पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया जा सकता।

अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों जितने पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उससे तीन गुना अधिक पद रिक्त पड़े हैं। अगर पूर्व की भांति माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के पास ही इस भर्ती की जिम्मेदारी होती तो अब तक वर्ष 2022 की भर्ती पूरी हो गई होती और नए पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी हो गया होता। आयोग का गठन समय से नहीं हुआ तो नई भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना होगा।

यही हाल अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों का भी है। अशासकीय महाविद्यालयों में भी असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है। पिछले साल और इस वर्ष जून में बड़ी संख्या में शिक्षकों के रिटायर होने के बाद सैकड़ों पद खाली हुए हैं.

युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह सहित रामबहादुर पटेल, अमित द्विवेदी, अजीत कुमार, ज्ञान प्रकाश सिंह ने सीएम को ज्ञापन देकर जल्द आयोग को जल्द क्रिया शील करने की मांग की है।

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