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पदोन्नति में बांटी रेवड़ी, बेसिक शिक्षा निदेशालय ने बैठाई जांच ,निर्धारित समय व प्रक्रिया पूरी करने वालों को किया गया दरकिनार

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की पदोन्नति में बड़े पैमाने पर रेवड़ी बांटी गई। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने निर्धारित प्रक्रिया व समय पूरा करने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों को दरकिनार कर चहेतों को पदोन्नति दे दी। ऑफिसर्स एसोसिएशन की आपत्ति के बाद प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया है। इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जांच के आदेश दिए हैं।

विभाग में पिछले दिनों वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक और प्रधान सहायक से प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति की गई थी। इसमें उस समय प्रभारी रहे अधिकारी पर मनमानी के आरोप हैं। इस दौरान वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक के पद पर 98

और प्रधान सहायक से प्रशासनिक अधिकारी के पद पर 55 पदोन्नति की गई। आरोप है। कि वरिष्ठ कर्मचारियों की गोपनीय आख्या और प्रमाण पत्र होने के बाद भी उन्हें पदोन्नति से वंचित किया गया।
यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी शिकायत महानिदेशक से की। इसमें बताया गया कि प्रधान सहायक और प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर वरिष्ठता क्रम में काफी जूनियर कार्रवाई होगी। कर्मियों को पदोन्नति दे दी गई। वहीं, वरिष्ठों को नजरअंदाज किया गया। नियमानुसार पदोन्नति वरिष्ठता के आधार की जानी चाहिए थी। एसोसिएशन के महामंत्री राजेश चंद्र श्रीवास्तव ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के

तीन सदस्यीय

कमेटी करेगी जांच प्रथम दृष्टया मामला सही पाए जाने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है। इसमें अपर शिक्षा निदेशक राजकीय, संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक व उप शिक्षा निदेशक विज्ञान को शामिल किया गया है। यह कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। इसी आधार पर आगे की

आरोप लगाते हुए मामले की जांच व दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही योग्य कर्मियों की शीघ्र पदोन्नति की भी मांग उठाई।

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