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परिषदीय स्कूल की टीचर आशिया फारुखी को राष्ट्रपति ने किया पुरस्कृत, CM योगी कर चुके हैं सम्मानित, ट्वीट कर दी बधाई

उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर की महिला टीचर आशिया फारुखी ने अपनी मेहनत से परिषदीय विद्यालय के बच्चों के लिए ऐसा कुछ कर दिखाया जिसके चलते 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा पुरस्कृत किया गया।

महिला टीचर आशिया फारुखी ने अपनी मेहनत लगन और परिश्रम के दम पर ग्रामीण अंचलों में खुले अपने परिषदीय स्कूल को शहर में चलने वाले प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। यह पुरस्कार मैडम आशिया फारूखी के निरंतर बेहतरीन कार्यप्रणाली की ऐसी गवाही दे रहा है कि जिसकी चर्चा उत्तर प्रदेश के साथ शायद पूरे देश में है।

यूपी के जनपद फतेहपुर के परिषदीय स्कूल में बच्चों को शिक्षित करने वाली महिला टीचर ने अपनी मेहनत लगन और परिश्रम के साथ बच्चों को पढाकर और स्कूल में कराई जाने वाली एक्टिविटी के दम पर प्राइवेट इंग्लिश मीडियम और कॉन्वेंट स्कूलों को ही मात नहीं दिया बल्कि वहां दी जाने वाली सुविधाओं को भी मात दे दिया।

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालय जिसको हर कोई निम्न श्रेणी के विद्यालय समझता है वहां शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और कायाकल्प के साथ विद्यालय में पढ़ाने वाले टीचर्स ने भी पूरे मनोयोग से विद्यालय की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी। आसिया की मेहनत इतनी रंग लाई कि उन्हें शिक्षक दिवस 5 सितंबर 2023 के दिन नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा पुरस्कार दिया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मा. राष्ट्रपति जी द्वारा आज नई दिल्ली में जनपद फतेहपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय, अस्ती की प्रधानाध्यापिका सुश्री आशिया फारूकी जी को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023’ से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई! शिक्षा के प्रसार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में आपका योगदान अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी है। आपको उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएं।

जनपद फतेहपुर के नगर क्षेत्र के अस्ती प्राइमरी स्कूल में सन 2008 में महिला टीचर आशिया फारूखी की तैनाती बतौर प्रधानाध्यापक के पद पर हुई। उनकी तैनाती के समय उस वक्त स्कूल में मात्र एक दर्जन बच्चे ही पढ़ते थे। इसके बाद महिला टीचर आशिया ने बच्चों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ सामाजिक विकास से करने के लिए स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराना शुरू की। जिसका असर यह हुआ कि विद्यालय में बच्चे बढ़ने लगे।

इसके बाद आशिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। डिजिटल के दौर को देखते हुए महिला टीचर ने टेक्नोलॉजी और एक्स्ट्रा ऐक्टविटी की क्लासेस को भी बढ़ावा दिया और प्राइवेट इंग्लिश स्कूलों की तर्ज़ पर अपने स्कूल में पढ़ाई से लेकर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अन्य ऐक्टिविटीज पर भी विशेष फोकस किया।

इसके अलावा स्कूल में ऑनलाइन क्लासेस के अलावा प्रोजेक्टर, डिजिटल लाइब्रेरी और डिजिटल माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जिससे उनकी मेहनत और जज्बे को देखकर जनपद वासियों में टीचर आसिया फारुखी पर नाज है।

आशिया को मिला राष्ट्रपति से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

गौरतलब है की विद्यालय को बेहतरीन व्यवस्था देने के साथ शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ इससे पहले 2017 में महिला टीचर आशिया फारूकी को राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं जिसके बाद राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 के लिए जनपद फतेहपुर से आसिया फारूकी का चयन हुआ।

मीडिया सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक आशिया फारूखी के सहयोगी शिक्षकों ने मीडिया को बताया कि फारूकी मैडम हर रोज कुछ नया करने और कराने के लिए बच्चों को प्रेरित करती है। आशिया फारुखी ने अस्ती स्कूल की सूरत ही बदल दी है। परिषदीय स्कूलों के नाम पर जहां अभिभावक अपने बच्चों का नाम स्कूल में नहीं लिखाते थे वहीं आज इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चों का दाखिला इस स्कूल में हो रहा है।

मैडम आशिया फारूकी ने अपने प्रयासों से विद्यालयों में तमाम संसाधन जुटाए और भौतिक संसाधनों की व्यवस्था करते हुए बच्चों को लाभान्वित किया इसके चलते आज स्कूल में 200 से भी अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पुरस्कार पाने वाली महिला टीचर आरसीएफ फारूकी ने मीडिया से कहा कि उन्हें बच्चों को बेहतर शिक्षा और संस्कार सिखाने में बहुत सकून मिलता है उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि अब तो उन्हें राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया है तो अब उनकी जिम्मेदारी स्कूल और बच्चों के प्रति और भी अधिक बढ़ गई है।

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